कानपुर नगर निगम के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अजब-गजब कारनामे सामने आए दिन आते हैं। नया मामला मस्जिद में विकास कार्य कराने का है। 26 सितंबर 2020 को जोन-4 स्थित वार्ड-3 में जनाजे वाली मस्जिद में 7 लाख 53 हजार रुपए के विकास कार्य करा डाले। फाइल अब नगर आयुक्त के पास पेमेंट के लिए पहुंची तो उन्होंने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नगर आयुक्त ने मांगा जवाब
नगर आयुक्त शिवशरणप्पा के पास 13 सितंबर को फाइल पहुंची तो वो भी हैरान रह गए। उन्होंने खुद एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पुनीत ओझा से 3 दिन में जवाब मांगा है। जिस वक्त कार्य कराया गया, उस वक्त पुनीत ओझा जोन-4 में तैनात थे। नगर आयुक्त ने जवाब मांगा है कि क्या मस्जिद में कार्य जनहित में कराया जा सकता है। बता दें कि मस्जिद की फर्श, दीवार और रंगाई-पुताई का कार्य साढ़े 7 लाख रुपए से कराया गया।
फाइल में भी तथ्य छिपाए गए
कराए गए कार्य की फाइल में कई तथ्य छिपाए गए हैं। फाइल में दिखाया कि तत्कालीन नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने निरीक्षण के दौरान ये कार्य कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन फाइल में उनकी न तो निरीक्षण आख्या लगाई गई और न ही नगर आयुक्त के आदेश की कॉपी लगाई गई। नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने सभी तथ्यों पर जवाब मांगे हैं।
जांच कराई जाएगी
इस मामले में महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि नगर निगम मस्जिद क्या किसी भी धर्म स्थल के अंदर कोई कार्य नहीं करा सकता है। धर्म स्थल के बाहर कार्य कराए जा सकते हैं, लेकिन अंदर के नहीं। पूरे मामले में नगर आयुक्त से जांच कराकर जो भी लापरवाह अधिकारी हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के प्रकरण बेहद गंभीर हैं।
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