कुशीनगर के पडरौना विकासखंड के चौपरिया गांव में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से दो मासूम बच्चे झुलस गए। इसके पहले भी यहां दो बार घटना हो चुकी है, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गयी, वहीं दूसरे ने हाथ गंवा दिया। जिम्म्मेदारों ने कहा लोगों ने हाईटेंशन के पास घर बना लिया है। अब उसे हटाने के लिए विभाग को पैसे की ज़रूरत है।
ग्राम सभा चौपरिया निवासी रौनक पुत्र फिराउद्दीन और अफरान पुत्र शमीम खेलते हुए तार की चपेट में आ गये। जिससे दोनों बुरी तरह झुलस गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोनों बच्चे अपने चाचा ताज मोहम्मद के घर की छत के बरजे पर खेल रहे थे। अचानक तेज हवा के कारण बरजे से सटा हुआ बिजली का तार उनके हाथों को छू गया। दोनों मासूम बुरी तरह झुलस गये। ग्रामीणों के बताया की यह संयोग ही था कि जैसे ही दोनों मासूम तारों के चपेट में आये बिजली कट गई। जिससे कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई। झुलसे बच्चों को पडरौना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद गोरखपुर रेफर कर दिया।
ग्रामसभा चौपरिया में बिजली के तार के कारण कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसी ग्रामसभा के निवासी प्रमोद चौबे के पुत्र अरुण चौबे उर्फ़ दुखी चौबे अपनी जान गवां चुके हैं। पूरे गांव में बिजली का तार घरों से सटकर छतों से होते हुए गुजरे हैं। जिससे पूरे गांव में बिजली के तारों का जाल सा बन गया है। कुछ वर्षों पूर्व भोलू चौबे पुत्र भानु प्रताप चौबे भी बिजली के तार की चपेटे में आने के कारण अपना एक हाथ गंवा चुके हैं। गांव निवासी तस्लीम अंसारी की बहु को भी छत पर कपड़ा सुखाते हुए करंट लग गया था।
गांव में इतनी तारों का जाल फैला हुआ कि अब तक कई बन्दर भी इसकी चपेट में आकर घायल हो चुके हैं। दो बंदर तो बिजली के करंट लगने के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब भी इस प्रकार की घटना घटित होती है, तो इससे विभाग को अवगत भी कराया जाता है। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं होती है। जिससे ग्रामीणों में रोष है।
ग्राम प्रधान चौपरिया अपने लेटर पैड पर लिखकर उच्च अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं लेते। उनका रवैया उदासीन बना हुआ है। अब देखना यह है की क्या इस दुर्घटना के बाद विभाग अपनी नींद से जागता है या यूं ही आँख बंद किये किसी बड़ी घटना का इंतजार करता है। मामले में पीड़ित परिवार के अलावा ग्रामीणों का कहना है कि अब हम जनपद में आ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी व्यथा सुनाएंगे। उन्हीं से न्याय की गुहार लगाएंगे।
एसडीओ भोला प्रसाद ने बताया की मामला संज्ञान में है। 11 हजार की लाइन से सटाकर ग्रामवासियों ने मकान बनवा लिया है, जबकि 11 हजार लाइन से मकान बनाने की दूरी का मानक साढ़े तीन मीटर है। अगर मकान से 11 हजार का लाइन हटाने के लिए लोगों द्वारा प्रार्थना पत्र मिलता है तो उसका इस्टीमेट बनाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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