लखीमपुर में बुधवार को एक बार फिर मौसम पलट गया। क्षेत्रों में सुबह से रुक-रुककर बारिश हुई। इसी क्रम में जिला लखीमपुर खीरी में भी बुधवार की रात्रि में बारिश का सिलसिला शुरू होकर दोपहर तक चलता रहा। इससे पहले मंगलवार को हल्की बूंदाबांदी ही हुई थी लेकिन, कई स्थानों पर जब बुधवार की सुबह तेज बारिश के साथ ओलों ने दस्तक दी तो किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरें खिंच गयी। बारिश से तो सिर्फ सरसों की फसल को नुकसान था, वही जब तेज बारिश के साथ ओलों ने दस्तक दी तो गेंहू की फसल भी नष्ट होने का अनुमान है । तेज हवाओं के कारण कई स्थानों पर गन्ना भी खेतों में गिर गया है ।
गौरतलब है कि बुधवार की रात्रि से तेज हवाओं के साथ बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। लखीमपुर के कई क्षेत्रों मोहम्मदी, पलिया, बांकेगंज, गोला गोकर्णनाथ, सुन्दरवल, मैलानी आदि क्षेत्रों में सुबह जब बारिश के साथ ओले गिरने शुरू हुए तो स्कूल, आफिस व रोज के कामकाजी लोग घरों में ही कैद हो गए। सुबह से ही तेज बारिश के चलते मार्केट में दुकान 10 बजे के बाद ही खुली। कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि होने से ठंड बढ़ने का अनुमान है। बुधवार को जिले में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री व अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस देखा गया।
ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था प्रभावित
लखीमपुर में कई स्थानों पर हवा के साथ बारिश होने के कारण पूरी रात बिजली की व्यवस्था भी प्रभावित रही। शहर में कई मोहल्लों में पूरी रात लाइट बंद रही। वही गोला के बांकेगंज उपकेन्द्र पर रात्रि में पुनः 33 केवी लाइन में फाल्ट के कारण सैकड़ो गांवो की बिजली की सप्लाई बंद रही। रात्रि से चरमराई विद्युत व्यवस्था से बुधवार दोपहर तक घरों में लगे इनवर्टर जबाब दे गये।इससे लोग परेशान रहे।
ओलावृष्टि से गेंहू व सरसों की फसलों को नुकसान
बुधवार को क्षेत्र में तेज बौछार के साथ जारी हुआ बारिश का सिलसिला जब ओलावृष्टि पर आ गया तो किसानों की चिंतायें बढ़ गयीं । मोहम्मदी , सुनदरवल आदि क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि से गेंहू व सरसों की फसल को नुकसान ज्यादा पहुंचा है । किसानों का कहना है कि केवल बारिश होती तब इतना नुकसान न होता लेकिन, ओले गिरने से सरसों के फूल झड़ गये हैं और गेंहू को भी नुकसान हुआ है । साथ ही तेज हवाओं के चलते गन्ने की फसल भी खेतों में बिछ गयी है।
ओलावृष्टि से गेंहू व सरसों की फसलों को नुकसान
बुधवार को क्षेत्र में तेज बौछार के साथ जारी हुआ बारिश का सिलसिला जब ओलावृष्टि पर आ गया तो किसानों की चिंतायें बढ़ गयीं। मोहम्मदी , सुनदरवल आदि क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि से गेंहू व सरसों की फसल को नुकसान ज्यादा पहुंचा है । किसानों का कहना है कि केवल बारिश होती तब इतना नुकसान न होता लेकिन, ओले गिरने से सरसों के फूल झड़ गये हैं और गेंहू को भी नुकसान हुआ है। साथ ही तेज हवाओं के चलते गन्ने की फसल भी खेतों में बिछ गयी है।
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