बजाज चीनी मिल का दो माह बाद पैराई सत्र प्रारम्भ होने वाला है, इसलिए गोला में कई स्थानों पर गन्ना क्रय केन्द्र स्थापित करने के उद्देश्य से कुछ सामान भेजा गया। जिसको लेकर किसानों ने जब हंगामा करना शुरू किया तो कर्मचारियों द्वारा सामान को ट्राली-ट्रेक्टर में भरकर वापस लौटना पड़ा।
इसी कड़ी में मिल के कर्मचारी बांकेगंज ब्लॉक क्षेत्र में क्रय केंद्र स्थापित करने गये थे, जिन्हे वहां भी विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा। इसी कड़ी में बजाज चीनी मिल द्वारा रात में चोरी से घमहाघाट में क्रय केन्द्र स्थापित कर दिया, जिसको लेकर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है लेकिन, अभी तक मिल का कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा।
बजाज चीनी मिल ने चुपके से अपना गन्ना क्रय केन्द्र कर दिया स्थापित
बतां दें कि गोला के ममरी-रोशननगर से आगे घमहाघाट पड़ता है, जहां पर बीती रात्रि में बजाज चीनी मिल द्वारा चुपके से अपना गन्ना क्रय केन्द्र स्थापित कर दिया। किसानों ने जब सुबह देखा तो उनके अन्दर आक्रोश पनपने लगा। यह सूचना राष्ट्रीय किसान शक्ति संगठन अध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा को मिली तो उन्होंने मौके पर जाकर धरना शुरू कर दिया और मिल को क्रय केन्द्र हटाने की सूचना भेज दी ।
किसानों ने कहा भुगतान नहीं तो क्रय केंद्र नहीं
वहीं जब भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी के प्रदेश महासचिव अमनदीप सिंह को सूचना मिली तो वह भी धरना स्थल पर पहुंचकर, धरना प्रदर्शन करने लगे। गौरतलब है किसान बकाया भुगतान को लेकर चीनी मिल से नाराज हैं । वही किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि जब तक भुगतान नहीं तब क्षेत्र का किसान चीनी मिल को गन्ना नहीं देगा ।
बार्डर पर क्रय केंद्र होने का बजाज चीनी मिल को डर
भाकियू चढ़ूनी के जिलाध्यक्ष बलकार सिंह ने बताया कि बजाज चीनी मिल का पूरे क्षेत्र में विरोध हो रहा है, क्योंकि यह पिछले सत्र का ही भुगतान नहीं कर पायी है। अब किसानों ने कह दिया है कि दूसरी मिल को गन्ना देंगे और घमहाघाट दो मिलों का बॉर्डर है। इसलिए बजाज ग्रुप को डर था कि मैडम ग्रुप की चीनी मिल का क्रय केन्द्र न लग जाए तभी चोरी से इन्होनें क्रय केन्द्र स्थापित किया है।
इन जगहों से वापस सामान भरकर लौटना पड़ा
महेशपुर में मंगलवार की शाम को बजाज चीनी मिल के कर्मचारी व अधिकारी ट्रेक्टर-ट्राली से भरकर पहुंचे थे। लोगों ने जब सामान उतरते देखा तो सामान उतरवाने वाले लोगों से जानकारी ली तो पता चला कि वह लोग गन्ना क्रय केंद्र लगाने के उद्देश्य से सामान उतार रहे हैं। तब वहां पर किसानों ने इकट्ठा होकर विरोध किया तो वापस लौटना पड़ा। इसी तरह पहाड़पुर, बसलीपुर, इन्द्रानगर आदि से वापस लौटना पड़ा।
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