लखीमपुर खीरी के कस्बा तिकुनिया में साल 2000 में युवा समाजवादी नेता प्रभात गुप्ता की हत्या हुई थी। इस हत्याकांड की सुनवाई आज हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की MP-MLA कोर्ट में छठी बार टल गई। अब इस केस के फैसले पर सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। प्रभात हत्याकांड में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी है। इनके साथ तीन और आरोपी हैं। आज अजय मिश्रा की जमानत याचिका और केस के फाइनल जजमेंट पर सुनवाई होनी थी।
मीडिया ट्रायल बंद करने की अपील
लगभग एक घंटे की बहस में अजय मिश्र के वकील ने दलील दी कि प्रभात हत्याकांड का मीडिया ट्रायल बंद किया जाए। मीडिया ट्रायल में अजय मिश्र को एक तरह से दोषी जैसा करार दिया जा रहा है, जबकि वह एक मंत्री हैं। इससे उनकी छवि खराब हो रही है। कोर्ट की बातें बाहर छप रही हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि अजय मिश्र आरोपी हैं। उनका एक स्टेटस है। इसलिए उनकी खबरें छपती हैं। हम मीडिया कवरेज पर रोक नहीं लगा सकते हैं। हालांकि, सुनवाई के दौरान वकील की यह दलील थी। लिखित में कोर्ट में कुछ नहीं दिया गया है।
मामला सुप्रीम कोर्ट में, इसलिए अंतिम सुनवाई न हो
हाईकोर्ट लखनऊ की MP-MLA कोर्ट की डबल बेंच में जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रेनू अग्रवाल की बेंच में अजय मिश्रा के वकील ने बताया कि इसी सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमे को ट्रांसफर करने की सुनवाई लगी है। इस कारण अंतिम सुनवाई डबल बेंच न करे।
डबल बेंच ने कहा कि ठीक है, अंतिम सुनवाई नहीं करेंगे, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय से कोई आदेश ला कर दें। जिससे सुनवाई रोकी जाए। इससे आप मुकदमे को ट्रांसफर करवा लें। डबल बेंच ने टेनी को एक और मौका देते हुए सुप्रीम कोर्ट से आदेश लाने का आदेश जारी कर 17 अक्तूबर की अंतिम सुनवाई की तारीख तय की है।
केस की सुनवाई में कर रहे रसूख का इस्तेमाल
प्रभात गुप्ता हत्याकांड केस की पैरवी कर रहे उनके छोटे भाई राजीव गुप्ता का कहना है कि बीते 16 मई को ही कोर्ट को इस मामले में फैसला सुनाना था। लेकिन किसी न किसी वजह से अजय मिश्रा अपने रसूख का इस्तेमाल कर केस की सुनवाई लगातार टाल रहे हैं। वह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से केस में बाधा डाल रहे हैं। जिसकी वजह से उनकी जमानत निरस्त करने की मांग की याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में लगाई थी। जिसकी सुनवाई फिर टाल गई है।
कोर्ट ने पहले भी लगाई है फटकार
इससे पहले 6 सितंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टेनी को फटकार भी लगाई थी। मंत्री के वकील ने केस ट्रांसफर करने की एप्लिकेशन चीफ जस्टिस के यहां लगाने की जानकारी दी। वकील के तर्क के जवाब में जस्टिस रमेश सिन्हा और रेनू अग्रवाल की डबल बेंच ने कहा, "ये संभव नहीं है। पूरा देश समझ रहा है, आप क्या चाहते है।"
2004 से जमानत पर है चारों आरोपी
प्रभात गुप्ता हत्याकांड में 4 लोग नामजद हैं। जिसमें मुख्य आरोपी अजय मिश्रा टेनी भी हैं। इन सभी को लोअर कोर्ट से बरी कर दिया गया था। 2004 में केस की सुनवाई हाईकोर्ट में हो रही है। 2004 में ही इन्हें जमानत मिल गई थी। तभी से चारो आरोपी जमानत पर हैं।
अब तक 6 बार सुनवाई टली
इससे पहले टेनी की जमानत याचिका निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है। बताते चले कि अंतिम फैसला सुनाने के लिए अब तक 6 डेट पड़ चुकी है, लेकिन कोर्ट अभी तक फैसला नहीं सुना पाया है।
उभरते हुए सपा नेता थे प्रभात
राजीव गुप्ता बताते हैं, "8 जुलाई, 2000 का दिन मैं कभी नहीं भूल सकता हूं। भैया घर से दुकान जा रहे थे। तभी अजय मिश्र टेनी अपने साथी शशि भूषण, राकेश डालू और सुभाष मामा के साथ मौके पर पहुंचा। उसने मेरे भाई को रोका। कुछ अनबन हुई, उसके बाद गोली चली। पहली गोली अजय मिश्रा ने चलाई, जो सीधे जाकर मेरे भाई की कनपटी पर लगी। दूसरी गोली सुभाष मामा ने चलाई, जो सीने पर लगी। मेरे भाई सड़क पर गिर गए। उनकी मौके पर मौत हो गई।"
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.