UP का स्मार्ट गांव जहां टाटा-ऊषा ने किया इंवेस्ट, VIDEO:हर आधुनिक सुविधा लखीमपुर-खीरी के ग्रीन विलेज में, सौर ऊर्जा से 24 घंटे मिलती है बिजली, RO का पानी

लखीमपुर-खीरी8 महीने पहले
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यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में एक गांव ऐसा है जो आज की वेल डेवलप्ड सोसाइटी को भी टक्कर दे रहा है। ईको फ्रेंडली वातावरण के साथ हर आधुनिक सुविधा इस गांव में आपको मिल जाएगी।

ये गांव आत्मनिर्भर है और पावर कॉरपोरेशन की बिजली न लेकर सौर ऊजा से 24 घंटे रोशन रहता है। RO का पानी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से लेकर सुरक्षा के लिहाज से हर कोना सीसीटीवी से लैस है।

जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर इस गांव का नाम है रवाना जो विकासखंड मितौली में पड़ता है। इस गांव को नई पहचान मिली है यहां के ग्राम प्रधान वीरेंद्र वर्मा और यहां तैनात रहे खंड विकास अधिकारी चंद्र देव पांडे के प्रयासों से।

अब आपको रूबरू कराते हैं गांव की विकास यात्रा से

ग्राम प्रधान वीरेंद्र कुमार वर्मा बताते हैं " करीब 22 साल तक वह गांव में ही उचित दर विक्रेता की दुकान चलाते रहे। गांव की जनता ने वर्ष 2015 में उन्हें गांव के मुखिया के रूप में चुना। और यहीं से मैंने गांव सूरत बदलने की ठानी और इसी काम को अपना मुकाम बना लिया। "

5वीं पास प्रधान दूसरे गांवों के लिये बने रोल मॉडल

वीरेंद्र ने कक्षा-5 तक की पढ़ाई की है, लेकिन उनका कहना है कि जब कहीं वह गांव में विकास देखते हैं और उसी की तर्ज पर अपने गांव का विकास करने में लग जाते हैं। उनके इसी प्रयास से उनका गांव आज रोल मॉडल बन गया है।

गांव में लगा सोलर पैनल।
गांव में लगा सोलर पैनल।

16 CCTV कैमरों से लैस है गांव

गांव रवाना में 16 कैमरे लगे हुए हैं, जिससे पूरे गांव की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। प्रधान ने बताया कि पुराने समय में गांव में चोरी-छिनैती की घटनाएं आम थीं, प्रधान बनते ही सबसे पहले पूरे गांव में कैमरे लगवाए, जिससे गांव की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकत है।

टाटा ने लगाया सोलर प्लांट

50 लाख की लागत से गांव का कायाकल्प करने वाले प्रधान बताते हैं, " टाटा कंपनी की तरफ से गांव में सोलर प्लांट लगाया गया, जिससे गांव में 90 कनेक्शन दिए गए हैं। टाटा कंपनी 3 बल्ब का किराया ₹100 लेकर सौर ऊर्जा दे रही है। उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति बिना किसी बाधा के दी जा रही है। इतना ही नहीं इसी सोलर प्लांट से गांव में आटा चक्की स्पेलर भी चलाया जा रहा है।

ये हैं ग्राम प्रधान वीरेंद्र वर्मा जिनके प्रयासों से इसे डिजिटल गांव का दर्जा मिला है।
ये हैं ग्राम प्रधान वीरेंद्र वर्मा जिनके प्रयासों से इसे डिजिटल गांव का दर्जा मिला है।

गांव में बने हैं 10 प्रधानमंत्री आवास

इन सभी 10 प्रधानमंत्री आवास को 24 घंटे बिजली RO का पानी खेल का मैदान बच्चों के लिए झूला और उनके मनोरंजन के लिए प्रधान ने एक एलईडी भी लगवा रखा है।

ऊषा ने लगवाई सिलाई मशीनें

ऊषा सिलाई कंपनी की तरफ से एक दर्जन सिलाई मशीन गांव को दी गई हैं और ऊषा कंपनी की तरफ से गांव की महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गया है। प्रशिक्षण पाकर महिलाएं कढ़ाई सिलाई बुनाई आदि अपने समूह के माध्यम से करती हैं।

ये हैं गांव के प्रधान वीरेंद्र जिन्हें 2015 में प्रधानी की कमान मिली और वह गांव की सूरत बदलने में कामयाब रहे।

सोलर मिनीग्रिड जेनेरेटिंग मशीन लगाकर गांव को रोशन किया जा रहा है।
सोलर मिनीग्रिड जेनेरेटिंग मशीन लगाकर गांव को रोशन किया जा रहा है।

महिलाएं पेश कर रहीं आत्मनिर्भता की मिसाल

  • गांव में महिलाएं समूह के माध्यम से दोना बनाकर अपनी आजीविका चला रही हैं।
  • कुछ महिलाएं मसाला चक्की लगाकर सरकारी स्कूलों में मसाला सप्लाई कर अपने परिवार की आजीविका का साधन बनी हैं।

मिनी सचिवालय को बनाया कंट्रोल रूम

गांव के मिनी सचिवालय में लगी टीवी स्क्रीन से गांव की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। इनवर्टर और कंप्यूटर सिस्टम से गांव के बेरोजगार युवा ऑनलाइन फॉर्म भरकर नौकरी का प्रयास करते हैं। कोई शिकायत हो तो उसे ऑनलाइन दर्ज करा देते हैं।

ये भी हैं गांव की खासियतें

  • प्रधान वीरेंद्र स्वयं जनता दरबार लगाकर ग्रामीणों की शिकायतें सुनते हैं। उनका निस्तारण करते हैं।
  • पूरे गांव में 700 मीटर इंटरलॉकिंग लगाई गई है।
  • गांव की साक्षरता प्रतिशत की बात करे तो 92% प्रतिशत है।
  • शासन स्तर से इस गांव को ग्रीन विलेज का दर्जा प्राप्त हुआ है।
  • गांव में अमृत सरोवर तालाब का प्रस्ताव हो चुका है जो शीघ्र ही बनेगा।
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