लखीमपुर हिंसा में आशीष की जमानत फिर अटकी:सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 20 तक टली,निचली अदालत की रिपोर्ट-ट्रायल में लगेंगे 5 साल

लखीमपुर-खीरी5 महीने पहले
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यह तस्वीर 3 अक्टूबर 2021 की है। जिस समय तिकुनिया में हिंसा भड़कने के बाद कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था।

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को झटका लगा है। जेल से बाहर निकलने की कोशिश में जुटा आशीष फिलहाल बाहर नहीं निकल पाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई 20 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुनवाई के दौरान बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जा चुके हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लखीमपुर खीरी की रिपोर्ट को भी पढ़ा। रिपोर्ट के अनुसार इस मुकदमे को पूरा होने में पांच साल का समय लगेगा, क्योंकि मामले में 200 गवाह हैं, 27 सीएफएसएल रिपोर्ट हैं। दरअसल, शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई में निचली अदालत से जानकारी मांगी थी कि बिना दूसरे मुकदमों पर असर डाले इस केस का निपटारा कितने समय में हो सकेगा।

यह तस्वीर तब की है जब आशीष मिश्र ने लखीमपुर खीरी की कोर्ट में सरेंडर किया था।
यह तस्वीर तब की है जब आशीष मिश्र ने लखीमपुर खीरी की कोर्ट में सरेंडर किया था।

ये है मामला

प्रदेश के लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा हुई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के इशारे पर जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था। घटना में 4 लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा भड़कने के बाद इस पूरे घटनाक्रम में 8 लोगों की जान गई थी।

लखीमपुर के तिकुनियां कांड का ये है पूरा घटना क्रम

  • 3 अक्टूबर को खीरी हिंसा कांड में एक पत्रकार, चार किसान व तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी।
  • 4 अक्टूबर को खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री के पुत्र आशीष मिश्र व 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना तिकुनिया में मुकदमा दर्ज क‍िया गया था।
  • 4 अक्टूबर को ही खीरी हिंसा मामले में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या व आगजनी के आरोप में 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ दूसरा मुकदमा दर्ज।
  • 8 अक्टूबर को पुलिस ने नोटिस देकर बयान के लिए आशीष मिश्र को बुलाया, लेकिन बीमारी के चलते पेश नहीं हुआ।
  • 9 अक्टूबर को आशीष मिश्रा अपने अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह के साथ पुलिस लाइन पहुंचा। 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया गया। इसके बाद रात को रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और जेल भेज दिया गया।
  • 11 अक्टूबर को पुलिस कस्टडी रिमांड पर सुनवाई हुई थी।
  • 12 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक आशीष की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर।
  • 14 अक्टूबर को आशीष मिश्रा को घटनास्थल पर ले जाया गया और रीक्रिएशन कराया गया था।
  • 14 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट से आशीष की जमानत अर्जी खारिज हुई थी।
  • 21 अक्टूबर को दोबारा पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी दी गई थी।
  • 22 अक्टूबर को 48 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर हो गई थी।
  • 28 अक्टूबर को आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर सुनवाई जिला जज की अदालत में होनी थी। अभियोजन ने स्थगन अर्जी दी, तीन नवंबर नीयत
  • 3 नवंबर को शोक प्रस्ताव के चलते जमानत अर्जी पर सुनवाई टली, 15 नवंबर नीयत की गई थी।
  • 15 नवंबर को आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी जिला जज मुकेश मिश्रा ने खारिज कर दी थी।