लखीमपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट का राज्य सरकार से सवाल:पूछा-किसी विचाराधीन कैदी को कब तक जेल में रखा जाए;आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर हुई सुनवाई

लखीमपुर-खीरी6 महीने पहले
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आशीष मिश्रा की यह फोटो 10 मई, 2022 की है, जब पुलिस उसे लखीमपुर कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही थी। - Dainik Bhaskar
आशीष मिश्रा की यह फोटो 10 मई, 2022 की है, जब पुलिस उसे लखीमपुर कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही थी।

लखीमपुर हिंसा केस में मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि हम किसी विचाराधीन कैदी को कब तक जेल में रख सकते हैं। साथ ही कहा है कि आप ट्रायल का कुछ समय बताइए कि कब तक केस का नतीजा आ जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस सूर्यकांत और कृष्ण मुरारी की बेंच ने पूछा कि आखिर कब तक आशीष मिश्रा को जेल में रखा जा सकता है। हमें देखना होगा कि पीड़ित के साथ साथ अभियुक्त के अधिकारों का हनन न होने पाए। जनवरी के दूसरे हफ्ते में अब आशीष की जमानत याचिका पर सुनवाई हाेगी।

आशीष मिश्रा को जमानत न देने की गुहार लगाई

सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित पक्ष ने आशीष मिश्रा को जमानत न देने की गुहार लगाई। पीड़ित पक्ष का कहना था कि इससे गवाहों को खतरा पैदा हो जाएगा। साथ ही केस को कमजोर करने की कोशिश की जा सकती है। बताते चलें कि एक दिन पहले भी लखीमपुर हिंसा में एक गवाह पर हमला हुआ था। वहीं आशीष मिश्रा की ओर से उसके वकीलों ने घटनास्थल पर आशीष की मौजूदगी से इंकार किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा-किसानों पर केस का स्टेटस

वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से उस केस का स्टेटस भी पूछा है जिसमें किसानों को तीन लोगों की पीट पीट कर हत्या का आरोप लगा है। कोर्ट ने पूछा मामले की जांच कहां तक पहुंची है।

वकील का दावा-घटना के वक्त दंगल में था आशीष मिश्रा

वहीं आशीष की ओर से सीनियर वकील मुकुल रोहतगी कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि आशीष घटना के वक्त दंगल में मौजूद था। उसकी मोबाइल टॉवर लोकेशन से यह प्रूव हो चुका है। यही नहीं उन्होंने आशीष की कुछ तस्वीरें भी कोर्ट के सामने रखी जोकि दोपहर 2.39 बजे , दोपहर 2.43 बजे, दोपहर 2.58 बजे और दोपहर 3.20 बजे का बताया गया। वकील ने कहा कि जबकि घटना दोपहर 2.53 बजे की है।

यह प्री प्लान मर्डर नहीं है-मुकुल रोहतगी

आशीष के वकील ने कोर्ट के सामने तर्क रखा कि यह प्री प्लान मर्डर नहीं है। यह कुछ लोगों में हंगामा मारपीट हुई और उस हंगामें और मारपीट में कुछ लोगों की मौत हो गई। इससे ज्यादा इस केस में कुछ नहीं है। आशीष मिश्रा के खिलाफ ऐसा कोई सबूत भी नहीं है कि जिससे प्रूव होता हो कि वह क्राइम स्पॉट पर था।

आशीष मिश्रा पर हत्या का आरोप तय, 16 नवंबर से ट्रायल

तिकुनिया हिंसा मामले में मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों पर हत्या का केस चलना है। लखीमपुर की ADJ कोर्ट ने 5 दिन पहले चार्जशीट के आधार पर अजय मिश्रा समेत 14 लोगों पर आरोप तय कर चुकी है। आशीष पर हत्या का आरोप तय किया गया है। उन पर हत्या का मुकदमा चलेगा। इस मामले में 16 दिसंबर से ट्रायल शुरू होगा।

मुख्य गवाह प्रभजोत सिंह का आरोप है कि 16 तारीख से केस का ट्रायल है। इसी के चलते उन पर दबाव बनाने के लिए आशीष के इशारे पर विकास चावला ने हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की यह फोटो 23 अगस्त 2022 की है।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की यह फोटो 23 अगस्त 2022 की है।

तिकुनिया कांड के तीन गवाहों पर पहले भी हो चुका है हमला

  • इसी साल जून में बाइक सवार हमलावरों ने भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष और तिकुनिया हिंसा कांड में गवाह दिलबाग सिंह की कार पर तीन राउंड फायरिंग की थी। फायरिंग के दौरान दिलबाग सिंह कार में थे। जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे।
  • इस मामले से जुड़े दो गवाह जिसमें दिलजीत सिंह पर 10 मार्च को हमला हुआ था और हरदीप सिंह पर 10 अप्रैल को हमला हुआ था। हालांकि, हमलों में यह दोनों भी बाल-बाल बच गए थे।

225 दिन से जेल में बंद है आशीष

मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा बीते 232 दिन से जेल में है। इसकी जमानत नहीं हो पा रही है। जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए लोअर कोर्ट से लेकर उसके वकील सुप्रीम कोर्ट तक गए। सितंबर में तो सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया था। हालांकि, अभी तक आशीष मिश्रा को जमानत नहीं मिल पाई है।

लखीमपुर हिंसा की तस्वीर।
लखीमपुर हिंसा की तस्वीर।