उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई हिंसा को SIT ने सोची-समझी साजिश बताया है। SIT के जांच अधिकारी ने आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। कोर्ट ने ये अर्जी स्वीकार कर ली है। इससे ये साफ हो गया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष व उसके साथियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में हत्या की कोशिश का केस चलेगा।
कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत 14 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था। एसआईटी की अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए एफआईआर में धाराएं बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
खबर मिलते ही मंत्री बेटे से मिलने पहुंचे
इससे पहले मोनू के पिता अजय मिश्रा को जैसे ही बेटे पर धाराएं बढ़ाए जाने की खबर लगी, वे दोपहर 12 बजे जेल पहुंच गए। उन्होंने बेटे को ढांढस बंधाया। इस दौरान वे मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। मोनू समेत हिंसा के सभी 14 आरोपियों को आज CGM कोर्ट में पेश होना था, लेकिन दोपहर तक कोई भी आरोपी कोर्ट नहीं पहुंचा।
गैर इरादतन हत्या की धारा हटेगी
केंदीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मोनू समेत 14 आरोपियों के विरुद्ध पहले धारा 279, 338, 304 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। जांच के बाद SIT ने इसे सोची-समझी साजिश बताया। अब जांच एजेंसी ने धारा 307, 326, 302, 34,120B,147,148,149, 3/25/30 के तहत मुकदमा चलाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है।
सुप्रीम कोर्ट में हो चुकी है तीन बार सुनवाई
लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। अक्टूबर से लेकर अब तक तीन बार सुनवाई भी हो चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट ने SIT को धीमी जांच के लिए फटकारा था। अब कोर्ट में SIT को जांच प्रगति की रिपोर्ट दाखिल करनी है।
लखीमपुर में 3 अक्टूबर को भड़की थी हिंसा
लखीमपुर में 3 अक्टूबर (रविवार) को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद हिंसा भड़क गई थी। भड़की हिंसा के दौरान एक पत्रकार समेत 4 अन्य की भी मौत हुई थी। इस मामले में उनके बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के केस दर्ज किया गया था।
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