लखीमपुर-खीरी में बाघ के हमले में 2 लोगों की मौत हो गई। हमले में एक किसान और एक महिला किसान की मौत हुई है। किसान का शव गांव के बाहर रविवार देर रात मिला था। वहीं महिला का शव सोमवार दोपहर में गन्ने के खेत में मिला है। किसान अपने खेत पर काम कर रहा था, तभी बाघ उसको खींच ले गया था। वहीं महिला पर चारा काटते समय बाघ ने हमला किया है। घटना निघासन तहसील की है।
खेत पर किसान को खा गया
किसान नरेंद्र सिंह (40) की पत्नी ने बताया कि वो रविवार देर रात अपने पति के साथ खेत में काम कर रही थीं। वो किसी काम से खेत के बाहर जाती हैं। वापस आने पर उनको उनके पति मौके पर नहीं मिलते हैं। पहले वो सोचती हैं कि उनके पति किसी काम से गए होंगे। लेकिन जब वो बहुत देर तक वापस नहीं आते हैं तब वो उनकी तलाश शुरू करती हैं। गांव के लोगों को इसकी जानकारी देती हैं। कुछ देर बाद उनके पति का शव गांव के बाहर खराब हालत में मिलता है। यह घटना निघासन थाना क्षेत्र की है।
चारा काटते समय किया हमला
वहीं 40 साल की मिंदो कौर सोमवार दोपहर अपने घर के बाहर चारा काट रही होती है। तभी बाघ उसको खींच ले जाता है। मिंदो का शव एक गन्ने के खेत में मिलता है। मिंदो की मौत के बाद गांव के लोग हंगामा कर देते हैं। गांव का कहना है कि आए दिन यहां बाघ के हमले से मौत होती है। उसके बाद भी वन विभाग की नींद नहीं टूट रही है। यह घटना तिकुनिया थाना क्षेत्र की है।
वन विभाग कर रहा है लापरवाही
आपको बता दें, निघासन तहसील में पिछले 7 दिनों में बाघ 5 लोगों को अपना शिकार बना चुका है। वहीं 2 सालों में बाघ 21 लोगों को खा चुका है। बाघ को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिजडे़ं तो लगाए गए हैं लेकिन इसे कोई फायदा नहीं हुआ। वन विभाग इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि वो लोग यहां दहशत में अपनी जिंदगी काट रहे हैं।
2 साल में 21 लोगों की गई जान
मरने वालों में इंद्रजीत, मंगत सिंह, राममूर्ति, ओमप्रकाश, शाहिद, शिवकुमार, ओमप्रकाश, प्रीतम, अवधेश, ज्ञान सिंह, प्यारे लाल, भंवरी लाल, सुरजीत सिंह, राहुल, मुंशी, महेश, कमलेश, मूलचंद, देबू, नरेंद्र और मिंदो शामिल हैं।
5 लाख की सहायता राशि भी नहीं मिली
लखीमपुर खीरी में बाघ का कहर जारी है। विभाग के आला अधिकारियों ने दावा किया था कि जल्द ही बाघ को बेहोश कर प्राणी उद्यान लखनऊ चिड़ियाघर भेजा जाएगा। मगर बाग अभी भी विभाग की पकड़ से कोसों दूर नजर आ रहा है। बीते वर्षों में करीब 21 मौतें हो चुकी हैं। वन विभाग के नियमों के तहत मृतक परिवार को ₹5 लाख देने का प्रावधान है। लेकिन ये धन किसी को आज तक नहीं मिला।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.