लखीमपुर-खीरी में अब तक 18 लोगों को अपना निवाला बना चुकी बाघिन को पकड़ने के लिए वन विभाग भरसक प्रयास कर रहा है, लेकिन विभाग के इन प्रयासों को बाघिन नाकाम कर दे रही है। वन विभाग बाघिन को ट्रेंकुलाइज (बेहोश) कर उसे लखनऊ प्राणि उद्यान रखना चाहता है, लेकिन विभाग के कर्मियों के जाल में वह फंस नहीं रही। हालांकि उसकी तलाश में वन विभाग जंगल की सघन कांबिग कर रहा है।
गौरतलब है कि तिकोनिया इलाके में बाघिन का आतंक घटने का नाम नहीं ले रहा है। वन विभाग द्वारा लगाया गया पिंजरा भी निरर्थक साबित हो रहा है, क्योंकि पिंजरे में बांधे गए जानवर को बाघिन ने निवाला बना लिया और वहां से चलती बनी और पिंजरा खाली ही रह गया। बता दें कि अब तक करीब 18 लोग बाघिन के हमले से असमय ही काल के गाल में समा चुके हैं।
खैरटिया जंगल के पास बसे गांव में एक मंदिर के पुजारी को निवाला बनाने वाली बाघिन को तलाश कर उसे कैद करने या फिर बेहोश कर पकड़ने के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इसके बाद बाघिन को तलाशने के लिए वन विभाग की टीमें जालीदार कवर से ढके ट्रैक्टर के जरिए जंगल में सघन कांबिंग कर रही है। डॉक्टरों की टीम भी साथ में है, ताकि बाघिन को देखते ही उसे बेहोश किया जा सके। बिना बेहोश किए बाघिन को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाया गया, लेकिन चालाक बाघिन वन विभाग के हत्थे नहीं चढ़ी, जिसकी सिर्फ तस्वीरें ही कैमरों में कैद हो रही हैं।
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