लखीमपुर खीरी में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र के ड्राइवर हरिओम की पिटाई का एक वीडियो सामने आया है। इसमें ड्राइवर जमीन पर लेटा हुआ है, तीन-चार लोग उसे लाठी-डंडे से बुरी तरह से पीट रहे हैं। वह जमीन पर हाथ जोड़कर खुद को छोड़ने के लिए गिड़गिड़ा रहा है, लेकिन उसकी कोई नहीं सुन रहा है।
ड्राइवर के सिर से खून निकल रहा है। वह बहुत घबराया हुआ है। उसके चेहरे पर और आंखों में मौत का डर है। वह कभी सामने खड़ी भीड़ को तो कभी दाएं देखता है तो कभी बाएं। ड्राइवर कह रहा है कि दादा छोड़ दो, भइया छोड़ दो, पर किसी का दिल नहीं पसीजा।
भीड़ में कुछ लोग उसे डंडा दिखाते हैं और जबरन मनमानी बात कहने के लिए कहते हैं। ड्राइवर नहीं कहता है तो फिर उसके ऊपर टूट पड़ते हैं। कुछ लोग चिल्ला रहे हैं, 'मारो...को...मार डालो सा...को'। बीच-बीच में गालियों की आवाज भी आती हैं। वह जान की भीख मांग रहा है, लेकिन डंडों से उसे इतना पीटा गया कि थोड़ी ही देर में उसकी चीखें खामोश हो गईं।
राज्यमंत्री के बेटे पर दर्ज हुआ हत्या का मुकदमा
लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। आशीष मिश्र के खिलाफ हत्या और गैर इरादतन हत्या की धारा में मामला दर्ज किया गया है। मामले में आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर नामजद आशीष मिश्र मोनू और 15-20 अज्ञात के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 302, 130 बी, 304 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
कृषि कानूनों और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के बीच रविवार को हिंसक टकराव हो गया। तिकुनिया कस्बे में हुए बवाल के दौरान मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की गाड़ी से कुचलकर चार किसानों और पांच अन्य लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
जानबूझकर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए किसानों ने मंत्री के बेटे की दो गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी। मंत्री के बेटे ने खेतों में भागकर जान बचाई, लेकिन इस दौरान हुई पिटाई से ड्राइवर की मौत हो गई।
अजय मिश्र ने कहा था- सुधर जाओ वर्ना सुधार देंगे
दरअसल, बीते 26 सितंबर को किसानों ने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र को लखीमपुर के संपूर्णानगर क्षेत्र में काले झंडे दिखाए थे। मिश्र एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे। जनसभा में उन्होंने खुद के विरोध का जिक्र करते हुए मंच से किसानों को धमकी दी थी। कहा था कि किसानों के अगुआ यानी संयुक्त किसान मोर्चा के लोग प्रधानमंत्री मोदी का सामना नहीं कर पा रहे हैं। आंदोलन को 10 महीने हो गए।
काले झंडे दिखाने वालों के लिए आगे उन्होंने कहा कि अगर हम गाड़ी से उतर जाते तो उन्हें भागने का रास्ता नहीं मिलता। कृषि कानून को लेकर केवल 10-15 लोग शोर मचा रहे हैं। यदि कानून इतना गलत है तो अब तक पूरे देश में आंदोलन फैल जाना चाहिए। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा था कि सुधर जाओ, नहीं तो सामना करो, वर्ना हम सुधार देंगे दो मिनट लगेंगे। विधायक-सांसद बनने से पहले से लोग मेरे विषय में जानते होंगे कि मैं चुनौती से भागता नहीं हूं।
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