बिना टेंडर और मैन पावर की कमी के कारण सेतु निगम में छह फर्म ब्लैक लिस्ट होगी। महज 10 से 12 कर्मचारियों के साथ काम करने वाली फर्मों को 30 से 50 करोड़ रुपए का काम दे दिया गया। अब इसकी शिकायत हुई है, तो कमियां सामने आने लगी हैं। अब इसके खिलाफ अब ईओडब्लू और विजलेंस जांच होगी। सबूत समेत पूरा मामला प्रबंधन निदेशक योगेश पवार, वित्त नियंत्रक विनोद कुमार और लखनऊ के इंचार्ज प्रमोद कुमार पांडेय को भेज दिया गया है।
मानक के हिसाब से कर्मचारी नहीं, लेकिन मिल गया काम
जांच में यह बात सामने आई है कि जिनको काम दिया गया है, उनके पास मानक के हिसाब से पर्याप्त कर्मचारी नहीं है। श्रम विभाग और पीएफ दस्तावेजों का मिलान करने पर यह खेल पकड़ में आया। इसमें परियोजना प्रबंधकों की चहेती फर्मों को बिना मानक देखे करोड़ों के काम बांटे गए। जिसको काम मिला उसने काम दूसरे को दे दिया, जबकि प्रोजेक्ट का 60 फीसदी काम इन फर्मो को खुद ही करना था।
बिना टेंडर दिया गया काम
ज्यादातर काम बिना टेंडर के दिया गया है। इसमें अपने पंसदीदा लोगों को काम दिया गया है। बताया गया है कि आला अधिकारियों ने अपने चहेतों को काम देने के लिए यह खेल किया है। मुख्य परियोजना प्रबंधक ने 2017 से लेकर अब तक निर्माण इकाई-3 में काम करने वाली फर्म कृष्णा एसोसिएट्स, शिवम इंटरप्राइजेज, अशोक इंटरप्राइजेज, एसेंट एसोसिएट्स, हर्ष इंटरप्राइजेज, आरएस कंस्ट्रक्शन और एसवीएन बिल्डर्स को ब्लैक लिस्ट किया है। अब जांच पूरी होने तक इन्हें किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं दिया जाएगा।
सभी लोगों को कॉपी भेजी गई
बताया जा रहा है ब्लैक लिस्ट की पूरी कॉपी सेतु निगम के 10 परियोजना प्रबंधकों को भेज दी गई है। इस बारे में जब लखनऊ इकाई के मुख्य परियोजना प्रबंधक प्रमोद कुमार पांडेय से बात की कई, तो उन्होंने जांच की सिफारिश होने की बात स्वीकार की। हालांकि उन्होंने ज्यादा कुछ भी कहने से मना कर दिया।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.