पंचतंत्र की कहानी तो आपने सुनी होगी। एक मूर्ख को सेठ ने मच्छर भगाने की जिम्मेदारी दे दी। नाक पर बैठे मच्छर मारने के लिए उसने तलवार से वार किया। मच्छर तो उड़ गया, सेठ जी का देहांत हो गया।
कहानी के मायने आप खुद समझिए, लेकिन प्रयागराज में पुलिस ने जिस तरह से रेलवे की परीक्षा देने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज किया, वह सरकार के लिए गले की फांस बन गया, लेकिन ये तो सरकार की पांचवी गलती थी। इससे पहले 4 गलतियां तो रेलवे ही कर चुका, जिन्हें चुनाव से पहले वह सुधार भी नहीं सकता।
क्योंकि जैसे ही सुधारने की बात आएगी। चयनित हो चुके 3 लाख 80 हजार छात्रों के सड़क पर उतरने की आशंका होगी। पहले से ही उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के चुनाव पर इसका सीधा असर देखकर डरी सरकार ये नया बवाल मोल लेना नहीं चाहती। इसलिए पूरी कोशिश इस मामले को मतदान तक टालने की है। कैसे? ये आगे समझाएंगे। पहले जान लेते हैं रेलवे ने 4 बड़ी गलतियां क्या कीं...
युवाओं के लिए बनाई गई हेल्प डेस्क
रेलवे भर्ती बोर्ड प्रयागराज के चेयरमैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट किया है कि रेलवे ने युवाओं का ध्यान रखते हुए पूरे प्रदेश में हेल्प डेस्क बना दिया है, जिससे वे अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ये शिकायते हाईपॉवर कमेटी को भेजी जाएंगी। ये डेस्क अब तक सिर्फ और सिर्फ यूपी में ही बनी है।
कैंडिडेट्स को अपनी शिकायतें और सुझाव 16 फरवरी तक दर्ज कराएंगे। कमेटी 4 मार्च को रेल मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। तय नहीं, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे मामलों में मंत्रालय कम से कम दो-तीन दिन विचार करता है। यानी कोई भी निर्णय 7 मार्च से पहले आने की संभावना नहीं है। संयोग से 7 मार्च को ही यूपी समेत 5 राज्यों में आखिरी चरण का मतदान भी है।
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