लखनऊ के निगोहां थाना के पास सोमवार शाम डीसीएम को ओवरटेक करते वक्त एक कार पैदल जा रही ननद-भाभी को रौदते हुए खाई में पलट गई। कार की टक्कर से ननंद-भाभी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कार सवार मां-बेटे घायल हो गए। पुलिस ने घायल मां-बेटे को पास के अस्पताल में भर्ती कराया।
तेज रफ्तार के चलते अनियंत्रित हुई कार, ले ली दो महिलाओं की जान
निगोहां निवासी मजदूर शिवप्रसाद की पत्नी सुनीता(35वर्ष) अपनी चचेरी ननद रेशमा निवासी भवनियापुर, बाराबंकी के साथ सोमवार शाम नगराम मोड़ पर स्थित स्टोर-99 में खरीदारी करने पैदल जा रही थी। निगोहां थाने के सामने रायबरेली की तरफ से आ रही डीसीएम को ओवरटेक करने के चक्कर में तेज रफ्तार महिन्द्रा एसयूवी कार ने इन्हें टक्कर मार दी। जिसके बाद अनियंत्रित होकर खाई में पलट गई। कार महानगर शालीमार अपार्टमेंट निवासी धीरज शुक्ला चला रहे थे। उनके साथ उनकी कार में उनकी मां प्रेमलता बैठी थी। कार खाई में पलटने से वह दोनों भी घायल हो गए।
पुलिस ने कार में फंसे मां-बेटे को बाहर निकाला
थाना प्रभारी जीतेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि कार की टक्कर से गंभीर रूप से घायल दोनों महिलाओं को सीएचसी भेजा गया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। वहीं कार में फंसे चालक धीरज शुक्ला और उनकी मां प्रेमलता को बाहर निकालकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। वहीं मृतक महिलाओं के परिजनों की तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
चचेरी भतीजी के विवाह की खुशियाँ मातम में बदली
सुरेश ने बताया रेशमा की चचेरी बहन काजल का सोमवार को ही शादी होने थी। शादी की खरीदारी के लिए ही बहन रेशमा अपनी चचेरी भाभी सुनीता के साथ नगराम मोड़ मृतका रेशमा अपने चार भाईयों सुरेश, गुड्डू, दिनेश और मुकेश के बीच इकलौती बहन थी। शनिवार को ही वो चचेरी भतीजी काजल के विवाह में शामिल होने के लिये बाराबंकी स्थित अपनी ससुराल से मायके निगोहां आयी थी। बेटी की मौत की खबर पिता राजाराम व मां सावित्री देवी सहित चारो भाईयों का रो-रोकर बुरा हाल था। रेशमा की मौत की खबर पाकर पति अजय परिवार संग बाराबंकी से निगोहां पहुंचे,जहां पत्नी का शव देख बेसुध हो गया ओर बिलख पड़े।
चार मासूमो के सिर से उठा मां का साया
मजदूरी कर अपने परिवार के लिये दो जून की रोटी कमाने वाले शिवप्रसाद का भी रो-रोकर बुरा हाल था। हादसे में पत्नी सुनीता की मौत की खबर पाकर शिवप्रसाद बस यही कह-कह फूट कर रोने लगाता कि अब बेटी पूनम(15) व प्रिया(5)बेटे सुमित(11) और अमित(7) का ख्याल कौन रखेगा।
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