लखनऊ के ईको गार्डन में करीब 15 हजार किसान प्रदेशभर से पहुंचे हैं। राकेश टिकैत ने कहा, "मायावती सरकार में सबसे अच्छा किसानों के लिए काम हुआ था। यह सरकार तानाशाही की सरकार है। इस सरकार में किसानों का कोई भला नहीं हो सकता है। यह चुनी हुई सरकार नहीं है। इसलिए यह ठीक से काम नहीं कर रही है। मौजूदा सरकार ने विपक्ष को डरा रखा है। ऐसे में वह भी बहुत विरोध नहीं कर पा रहे हैं।"
"किसान ही सरकार के खिलाफ लड़ सकता है"
राकेश टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन को हल चलाने वाला किसान और खेत मजदूर आगे बढ़ाएगा। यह आंदोलन किसानों की ताकत है। विपक्ष पर भी कटाक्ष करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार 2024 तक उनको अपनी पार्टी में शामिल कर लेगी या उनको खत्म कर देगी। ऐसे में लड़ाई सिर्फ किसान ही सरकार के खिलाफ लड़ सकता है।
टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन देश में और तेजी से बढ़ेंगे। सरकार कागजों में लिखा पढ़ी में झूठ बोलने का काम करती है। फ्री बिजली के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तय हो गया है, तो फिर मीटर लगवाने की बात कहां से आई। मीटर लगवाने का मतलब है कि किसानों से पैसा लेने की बात हो रही है। जब व्यापारियों को छोड़ दिया जा रहा है और किसानों को पराली जलाने के लिए दंडित किया जाता है।
किसान नेता ने कहा कि साल 2005 में मंडी खत्म करके बिहार को बर्बाद कर दिया। यही वजह है कि आज बिहार का किसान ₹800 क्विंटल धान बेचने को मजबूर है। हिमाचल में किसानों का सेवर रानी ने खरीद लिया है। अडाणी का तेल बिके इसके लिए जम्मू-कश्मीर के किसानों का सेब नहीं बेचने दिया जा रहा है। वहां का किसान मुसलमान है। इस वजह से उनको और परेशान किया जाता है। वहां के पूरे किसानों को बर्बाद कर दिया है।
"ट्रैक्टर-ट्विटर तैयार रखें"
टिकैत ने कहा कि संघर्ष के लिए गांव-गांव कमेटी बनाकर जाना पड़ेगा। इस बीच बहुत से लोग आपके राह में रोड़ा बनने के लिए आएंगे, लेकिन आपको अपना आंदोलन जारी रखना होगा। उन्होंने किसानों से कहा कि ट्रैक्टर और ट्विटर दोनों तैयार रखें और लड़ाई अब इसी से होनी है।
पूर्व सांसद बोले-अब हम दिखाएंगे कि सरकार को कैसे हटाते हैं
8 बार के सांसद हन्नान मोल्लाह ने कहा कि 8 दिसंबर को अब बड़ी बैठक कर हम आंदोलन में आगे की रणनीति बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन ऐसा होगा कि हम सरकार को अपनी मांगों को मनवाने के लिए मजबूर कर देंगे। अब हम सरकार को दिखाएंगे कि सरकार को कैसे हटाते हैं और 2024 में बाहर करते हैं।
300 यूनिट फ्री बिजली देने सहित कई मांग
किसान 300 यूनिट फ्री बिजली, सिंचाई के लिए फ्री बिजली, गन्ना खरीद रेट, गन्ने का बकाया भुगतान समेत कई मांगों को लेकर इकट्ठा हुए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार ने जो वादा किया था, वह जल्द से जल्द पूरा करे। रैली में किसान नेता राकेश टिकैत समेत कई लोग आवाज बुलंद करने पहुंचे हैं।
ईको गार्डन में भारतीय किसान यूनियन, उ.प्र किसान सभा समेत 50 से ज्यादा छोटे-बड़े संगठन के लोग शामिल हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य आज राजभवन तक मार्च भी कर सकते हैं। किसान शुक्रवार रात से ही ईको गार्डन में पहुंचना शुरू हो गए थे।
19 नवंबर को मनाया था विजय दिवस
इससे पहले 19 नवंबर को किसान संगठन विजय दिवस मना चुके हैं। 19 नवंबर को ही सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया था। हालांकि, उसके बाद सरकार ने जो किसानों से वादा किया था उसको पूरा नहीं किया। इससे पहले किसानों ने 13 महीने तक दिल्ली में धरना दिया था।
विजय दिवस में किसान संगठन गांवों में ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजों और किसान आंदोलन के गीतों के साथ जश्न और विजय मार्च निकाले जाएंगे। रात के समय दीप मालाओं-मोम बत्तियों, आतिशबाजी के साथ किसान कानून वापसी की जीत की खुशी जाहिर करेगा। इससे पहले किसान संगठनों ने लखनऊ में भी बैठक की थी। इसमें तय किया था कि आंदोलन का प्रचार-प्रसार चारों तरफ किया जाए।
तीन मांगों को लेकर दोबारा आंदोलन
MSP की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, किसान पेंशन, आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी जैसी तमाम बाकी मांगों के लिए आंदोलन के दूसरे चरण का बिगुल बज चुका है। 26 नवंबर को देशभर में राजभवन मार्च की तैयारियां जोरों पर हैं।
संयुक्त रूप से कई संगठन एक मंच पर
26 नवंबर को मार्च के लिए भाकियू, किसान सभा, जय किसान आन्दोलन, क्रांतिकारी किसान यूनियन, भारतीय किसान श्रमिक जन शक्ति यूनियन आदि प्रमुख किसान संगठनों के राष्ट्रीय, प्रादेशिक, जिलास्तरीय पदाधिकारी गांव-गांव जनसंपर्क में जुटे हैं।
प्रमुख मांगें, जो किसान रखेंगे
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