विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक पार्टियां अब टिकट के दावेदारों पर मंथन करने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में सोमवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय में बड़ी बैठक हुई। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सुबह से मौजूद थे। दोपहर बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह पार्टी मुख्यालय पहुंचे तो सभी में जोश भर गया। इस दौरान मुलायम सिंह यादव ने मंच भी संभाला और पीएम मोदी के लाल टोपी वाले बयान पर चुटकी ली।
मुलायम सिंह ने कहा कि भाजपा के सबसे बड़े नेता लाल टोपी से परेशान हो गए हैं। वह कहते हैं कि समाजवादी पार्टी की लाल टोपी खतरनाक है। मुलायम ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि आप जो कर रहे हैं, बिल्कुल ठीक कर रहे हैं। मुलायम सिंह ने कहा कि जनता को उम्मीद है कि समाजवादी पार्टी आएगी तो नौजवानों को रोजगार मिलेगा, समाज का उत्थान होगा, किसान को लाभ होगा, देश का विकास होगा, हमारी पहले की सरकार ने सभी वादे पूरे किए थे।
दरअसल, पीएम मोदी ने गोरखपुर में कहा था कि लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं। इन्हें सिर्फ लाल बत्ती के लिए सत्ता चाहिए।
उधर, इसी दौरान मुलायम सिंह की बहू अपर्णा सिंह यादव भी इस दौरान पहुंचीं और काफी देर तक पार्टी कार्यालय के अंदर रहीं। माना जा रहा है कि अपर्णा को लखनऊ की कैंट सीट से एक बार फिर मौका दिया जा सकता है।
पश्चिमी यूपी की 40 सीटों पर बनी सहमति
सूत्रों ने बताया कि आज की बड़ी बैठक में पश्चिमी यूपी की 40 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लग चुकी है। इसका जल्द ही ऐलान किया जाएगा। कार्यकर्ताओं ने बताया कि उनसे कहा गया है कि क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा वक्त दें। कोरोना नियमों का पालन करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पार्टी की विचारधारा और मुद्दों का पहुंचाने को कहा गया है। इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए पार्टी की नीतियों को पहुंचाने को कहा गया है। मुलायम सिंह ने कार्यकर्ताओं से कहा कि सूची मांगी गई है, सरकार बनने के बाद सबका ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि क्षेत्र में जी-जान से जुट जाएं और एक बार फिर सपा की सरकार बनाएं। इस दौरान उन्होंने यह भी इशारा किया कि अगर टिकट नहीं मिलता है, तो भी पूरी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि आप लोगों को लाल टोपी मिल गई है, इससे बड़ी बात नहीं हो सकती।
अपर्णा यादव काे फिर मिल सकता है टिकट
मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा सिंह यादव भी इस दौरान पार्टी कार्यालय पहुंचीं। बीच में अपर्णा और अखिलेश यादव के बीच मतभेद की खबरें भी उड़ी थीं। मगर, शिवपाल यादव के आने के बाद यह खाई पटती हुई दिखाई दे रही है। अपर्णा पिछली बार भी कैंट से चुनाव से लड़ चुकीं हैं। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
गौरतलब है कि अपर्णा सिंह यादव की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह यादव से काफी नजदीकियां हैं। दावा किया जा रहा था कि वह कभी भी भाजपा में जा सकती हैं। मगर, इन संभावनाओं पर फिलहाल ब्रेक लगता हुआ दिखाई दे रहा है।
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