JEE मेंस सेकंड सीजन रिजल्ट आने के 24 घंटे के अंदर स्टूडेंट्स ने NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर सवाल खड़े किए हैं। आरोप है कि पहले सीजन में 9 से 10 परसेंटाइल वाले स्टूडेंट्स 99+ स्कोर लाए हैं। ऐसे स्टूडेंट्स के स्कोर कार्ड को वॉट्सऐप और फेसबुक पर वायरल किया जा रहा है।
फिलहाल NTA की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। इन आरोपों के बीच ऐसे भी स्टूडेंट्स हैं, जिन्होंने एग्जाम सेंटर्स की खामियों को उजागर किया है।
"कंप्यूटर सेट धोखा देता रहा, टाइम वेस्ट हुआ"
अविरल महेश्वरी कहते हैं, "बरेली के सिद्धि विनायक इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में 26 जुलाई को पहली शिफ्ट में एग्जाम था। सेंटर पर पहली बार एंट्री हुई तो वहां लाइट नहीं थी। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस नहीं हो पा रहा था। करीब 20 मिनट तक इंतजार करने के बाद लाइट आई। उसके बाद रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ।
सभी कैंडिडेट को कंप्यूटर अलॉट किए गए। 40 मिनट तक बिना किसी रूकावट के मैंने परीक्षा दी। उसके बाद अचानक से मेरा पीसी अपने आप ही स्लीप मोड पर चला गया। लगभग 10 मिनट तक जद्दोजहद करने के बाद टेक्नीशियन की मदद से कंप्यूटर ऑन हुआ।
करीब 30 मिनट बाद स्क्रीन पर सिस्टम इज नॉट कनेक्टेड टू सर्वर के मैसेज आने लगे। ये समस्या सिर्फ मेरे साथ नहीं हुई। रूम में बैठे कई स्टूडेंट्स को ये दिक्कत थी। सबसे हैरानी वाली बात ये रही कि एग्जाम के बाद जब रिस्पांस शीट चेक की तो मैंने कुल 45 क्वेश्चन अटेम्प्ट किए थे।
मगर शीट पर सिर्फ 30 क्वेश्चन पर ही आंसर मार्क दिखे। मेरा मानना है कि अगर ये सब समस्याएं नहीं आती। तो मेरा स्कोर और बढ़िया होता। NTA से मुझे यही कहना है कि फ्री एंड फेयर अपॉर्चुनिटी सभी को मिलनी चाहिए और मुझे 3rd अटेम्प्ट मिलना चाहिए।"
"NTA को कई मेल लिखे, पर कोई रिवर्ट नहीं आया"
स्टूडेंट कौशल कुमार कहते हैं, "ड्रॉप आउट स्टूडेंट हूं। परीक्षा के एक दिन पहले रातों रात एडमिट कार्ड में सेंटर के बदलाव हुए। एग्जामिनेशन सेंटर पर कई प्रॉब्लम रही। टेक्निकल इश्यू रहे। रिस्पांस शीट पर पूरे रिस्पॉन्स दिखे नहीं। ऐसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।
NTA को कई मेल लिखे, पर कोई रिवर्ट नहीं आया। यहां तक कि NTA के ऑफिस भी गए, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। ये समस्या सिर्फ एक-दो या चुनिंदा स्टूडेंट्स के सामने ही नहीं आ रही हैं। ऐसे स्टूडेंट्स बड़ी तादाद में हैं।"
"रिस्पॉन्स शीट में सभी ऑप्शन D हो गए, मेरे मार्क ऑप्शन गायब थे"
स्टूडेंट एली भार्गवी कहती हैं, "28 जुलाई को सेकंड शिफ्ट देने के बाद रिस्पांस शीट चेक किया, तो मेरे सभी रिस्पांस में 'D' ऑप्शन ही मार्क दिखा। एग्जाम के दौरान सर्वर इशू भी सामने आएं। मेरा NTA से यही कहना है कि एग्जाम को लेकर कई स्टूडेंट्स ने जेन्युइन पॉइंट्स रखे है। उस पर विचार करते हुए सभी को 3rd अटेम्प्ट दिया जाए।"
सॉल्वर गैंग एक्टिव होने की भी चर्चाएं
JEE मेंस में सॉल्वर गैंग के सक्रिय होने की भी खबरें हैं। इसकी एक टेलीफोन रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें पटना में सक्रिय सॉल्वर गैंग के सदस्य स्टूडेंट्स को 6 लाख देकर 2 हजार रैंक दिलाने का दावा कर रहे हैं। गैंग के सदस्य एग्जामिनेशन सेंटर पर सेटिंग बताते हैं। स्टूडेंट्स को स्कोर के आधार पर NTA में एडमिशन कराने की बात कह रहे हैं।
इसमें IIT के करंट स्टूडेंट्स के जरिए पेपर सॉल्व कराकर स्कोर कार्ड देने का दावा किया जा रहा है। ये सब कुछ बिहार के कुछ चुनिंदा सेंटर पर होने की बात भी सामने आई है। इसका यूपी कनेक्शन अभी सामने नहीं आया है।
NTA की पहली परीक्षाओं में वीडियो भी सामने आते रहे हैं...
इससे पहले मेडिकल में एडमिशन के लिए देश की सबसे बड़ी परीक्षा NEET के आयोजन को लेकर भी NTA की किरकिरी हुई थी। केरल के एक एग्जामिनेशन सेंटर पर फीमेल कैंडिडेट्स के अंडरगारमेंट तक उतरवाने की बात सामने आई थी। यहां तक कि लखनऊ के सेंटर पर भी फुल स्लीव्स के कपड़े पहनकर एग्जाम देने पहुंची लड़कियों के कपड़ों की बाह काटने तक के वीडियो सामने आए थे।
ये भी जानिए कि इस परीक्षा में कितने परीक्षार्थी शामिल हुए
कैंडिडेट - 7 लाख 69 हजार 304
कैंडिडेट - 5 लाख 40 हजार 242
कैंडिडेट - 9 लाख 5 हजार 690
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