बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी लामबंदी शुरू कर दी है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से मिलकर ज्ञापन दिया और बताया कि उपभोक्ताओं का पैसा बिजली कंपनियों के पास पड़ा है। ऐसे में किसी भी स्थिति में बिजली का बिल नहीं बढ़ना चाहिए।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि उन्होंने बिजली कंपनियों के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। इसके लिए नियामक आयोग में पहले ही प्रत्यावेदन दिया गया है। उपभोक्ता परिषद का आरोप है कि उपभोक्ताओं का पहले ही बिजली कंपनियों पर 20596 करोड़ रुपया जमा है। इस पैसे के बाद बिजली दर बढ़ने की जगह घटना चाहिए। इससे 20 फीसदी तक बिजली दरों को कम किया जा सकता है।
सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग
पूरे मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग उठने लगी है। अवधेश वर्मा ने कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं को उनका हक दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लोक महत्व का विषय मानते हुए विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरों में कमी कराने का निर्देश जारी करे। प्रदेश के घरेलू शहरी ग्रामीण व किसानों की बिजली दरों में कमी हो सके। इस महंगाई के दौर में उनको व्यापक राहत प्रदान हो सकेगा।
उचित निर्णय कराने का दिया आश्वासन
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष से ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आश्वासन दिया कि वह पूरे मामले को दिखवा कर उचित निर्णय कराएंगे। यह मुद्दा भी उठा कि जब जब बिजली कंपनियों का प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं पर कोई भी सरप्लस पैसा निकला है तो उपभोक्ताओं से समय-समय पर 3.7 प्रतिशत व 4.28 प्रतिशत रेगुलेटरी सरचार्ज की वसूली क्यो की गई है। आरोप है कि प्रदेश की बिजली कंपनियां प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को राहत प्रदान कराने की दिशा में पूरी तरह उदासीन है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार का नैतिक दायित्व बनता है कि वह आगे आकर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का साथ दें ।
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