छात्र, नौजवान, किसान के बाद अब राजनीतिक दल कारोबारियों को साधने में जुट गए हैं। उप्र के दो प्रमुख दल बीजेपी और सपा ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी। व्यापारियों को साधने के साथ उनके बीच अपनी ताकत भी दिखाने की तैयारी है। लखनऊ में पांच दिसंबर को नजारा देखने को मिलेगा। सपा और बीजेपी पांच दिसंबर को लखनऊ व्यापारी सम्मेलन कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे। सपा के सम्मेलन में जहां अखिलेश यादव मुख्य अतिथि होंगे, वहीं बीजेपी से डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। हालांकि बीजेपी के कार्यक्रम के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का समय भी मांगा गया है। ऐसे में यह दोनों भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
बीजेपी की ताकत रहे हैं कारोबारी
बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत शहरी वोटर रहा है। उसमें भी कारोबारी इनका कोर वोट रहता है। ऐसे में अपनी उसी ताकत को और बढ़ाने के लिए यह सम्मेलन किया जा रहा है। बीजेपी महानगर व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अभिषेक खरे बताते है कि मौजूदा समय व्यापारी अपने आप को सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है। बीजेपी की नीतियों से उसको लाभ होता रहा है। उसी ताकत को बढ़ाने और सरकार की नीतियों को हर छोटे - बड़े कारोबारी तक ले जाने के लिए यह सम्मेलन किया जा रहा है। लखनऊ में मौजूदा समय एक लाख से ज्यादा जीएसटी पंजीकृत कारोबारी है। जबकि पटरी और छोटे दुकानदारों की संख्या भी करीब एक से डेढ़ लाख के बीच है। अकेले लखनऊ में करीब 70 हजार पटरी दुकानदारों को 10 हजार रुपए का लोन देकर उनका कारोबार शुरू कराने की पहल हुई है।
लॉक डाउन के घाटे के बाद नाराजगी बढ़ी
लॉकडाउन के दौरान छोटे कारोबारियों को कोई राहत नहीं मिली है। यहां तक उनके बैंक का लोन, हाउस टैक्स, वाटर टैक्स समेत सभी बिल देने पड़े हैं। इसकी वजह से काफी नाराजगी बढ़ी है। हालांकि लॉकडाउन के दौरान कारोबारियों पर हुए सभी मुकदमें वापस होने से यह नाराजगी बहुत हद तक कम भी हुई है। सरकार अब फिर से अपनी तमाम नीतियों के साथ बीजेपी से कारोबारियों को जोड़ना चाहती है।
मांगों को सपा घोषणा पत्र में शामिल कर सकती है
छात्र, नौजवान और जातीय समीकरण बैठाने के बाद अब समाजवादी पार्टी रिटेल कारोबारियों और उद्यमियों को अपने पक्ष में खड़ा करने में लग गई है। करीब 5000 कारोबारियों के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी मुख्यालय में व्यापारी सम्मेलन करेंगे। बताया जा रहा है किक इसमें अलग-अलग सेक्टर के कारोबारी और उद्यमी हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में उनकी समस्याएं, आने वाली सरकार से उम्मीद और कारोबार, उप्र के विकास के संदर्भ में चर्चा की जाएगी। उसके बाद सपा कारोबार और इंडस्ट्री से संबंधी अपना घोषणा पत्र तैयार करेगी। स्मॉल इंडस्ट्री मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उनके संगठन को भी बुलावा आया है। वह लोग अपनी बात रखेंगे।
जीएसटी रिफंड से लेकर इंडस्ट्री इलाकों पर होगी चर्चा
बीजेपी जहां अपनी उपलब्धियों पर बात करेगी। वहीं सपा सरकार की कमियों के साथ व्यापारी को अपने साथ जोड़ने की पहल करेगी। समाजवादी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष पवन मनोचा ने बताया कि प्रदेश में कारोबारियों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। जीएसटी रिफंड से लेकर UPSRDC की ओर से इंडस्ट्रियल एरिया को डेवलप करने का काम भी इस सरकार में नहीं हो पाया है। लगातार घाटा होने के बाद भी कॉमर्शियल और इंडस्ट्री की बिजली दरों में कोई कमी नहीं की गई है। इनका वन डिस्टिंग वन प्रोडक्ट भी कामयाब नहीं हो पाया है। उद्यमीय के लिए आज भी कोई प्रॉपर मंच तैयार नहीं है। ऐसे में कारोबारियों को सपा एक मंच देने जा रही है।
16 लाख पंजीकृत कारोबारी
उप्र में 16 लाख जीएसटी पंजीकृत कारोबारी है। यह करीब एक करोड़ से ज्यादा वोट को प्रभावित करते है। इसमें बड़ी संख्या गुप्ता, जयसवाल, अग्रवाल, वैश्य और बनिया बिरादरी की है। इसके अलावा जनरल वर्ग की भागीदारी भी इधर कारोबार में बढ़ी है। ऐसे में दोनों ही दल एक साथ कई जातियों से साधने की तैयारी कर रही है। मौजूदा समय सपा में कोई बड़ा कारोबारी चेहरा नहीं है। वहीं, व्यापारी नेता श्याम बिहारी मिश्रा की मौत के बाद बीजेपी भी यह जगह खाली है। ऐसे में दोनों ही दल अपनी पूरी ताकत लगाने में जुटे हैं।
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