उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले काशी में मेगा इवेंट का आयोजन किया गया। दिव्य काशी, भव्य काशी की थीम पर पूरे काशी को सजाया गया। आज के तमाम अखबारों में फ्रंट पेज पर इसका विज्ञापन भी दिया गया है। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के इन विज्ञापनों में नरेंद्र मोदी तो हैं, लेकिन CM योगी की फोटो गायब है।
यूपी चुनाव से पहले होने वाले इस बड़े कार्यक्रम के विज्ञापन में सिर्फ नरेंद्र मोदी हैं। इतना ही नहीं, मंदिर परिसर में लगी होर्डिंग में भी सिर्फ PM मोदी नजर आ रहे हैं। आज के विज्ञापन और तस्वीरों से साफ है कि इस कार्यक्रम के हीरो PM नरेंद्र मोदी हैं। अब जब यूपी का चुनाव योगी के चेहरे पर हो रहा है, तो फिर विज्ञापन से योगी क्यों गायब हैं?
11 दिसंबर तक तमाम विज्ञापनों में PM के साथ रहे योगी
यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है, क्योंकि इससे पहले यूपी में हुए कई बड़े शिलान्यास और उद्धाटन के कार्यक्रम में PM मोदी के साथ CM योगी की तस्वीरें भी लग रही थीं। 11 दिसंबर को तमाम अखबारों के पहले पन्ने पर छपे फुल पेज के विज्ञापन में PM के साथ योगी भी हैं। इससे पहले 7 और 6 दिसंबर, 25 और 16 नवंबर को छपे विज्ञापन मे भी PM मोदी और CM योगी साथ-साथ थे।
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?
चुनाव से पहले आयोजित हो रहे शिलान्यास और लोकार्पण से जुड़े तमाम कार्यक्रमों के विज्ञापनों में योगी आदित्यनाथ और PM मोदी साथ दिखते रहे हैं। तो फिर यूपी के सूचना विभाग के विज्ञापन में योगी आदित्यनाथ गायब क्यों हैं? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने यूपी की सियासत को समझने वाले वरिष्ठ पत्रकारों से बात की।
‘पीएम लेना चाहते है पूरा क्रेडिट’
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि लाल कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि यह प्रोजेक्ट PM मोदी का इनिशिएटिव था। वाराणसी उनका लोकसभा क्षेत्र है। शायद इसलिए ऐसा किया गया होगा। इस पूरे प्रोजेक्ट को PMO ही मॉनिटर कर रहा था। हालांकि यह बेहतर होता कि PM के साथ CM योगी की तस्वीर भी होती। ऐसा लगता है कि PM इसका पूरा क्रेडिट लेना चाहते हैं। अगर इसे चुनावी दृष्टि से देखें, तो आप देखेंगे कि सारे कार्यक्रम में योगी-मोदी साथ दिखाई दे रहे हैं। हालांकि यह कार्यक्रम PM मोदी का है और वो इसका पूरा क्रेडिट लेना चाहते हैं। इसीलिए शायद विज्ञापन में वह अकेले दिखाई दे रहे हैं।’
‘मोदी सबसे बड़े हिंदू हृदय सम्राट दिखाना चाहते हैं’
वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि इस चुनाव में मोदी अपनी हिंदुत्व वाली छवि को मजबूत रखना चाहते हैं। इसमें वह किसी अन्य का दखल नहीं चाहते हैं। वह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उन्हें सबसे बड़े हिंदू हृदय सम्राट के रूप में देखा जाए। यह बात सही है कि उनकी एक कल्ट फॉलोइंग है। लोग उन्हें पसंद करते हैं। वह विकास की बात भी करते हैं। लेकिन अब उन्हें लगने लगा है कि हिंदू हृदय सम्राट की छवि से ही नैय्या पार हो सकती है। ऐसे में वह यह दिखाना चाहते हैं कि उनसे बड़ा हिंदू हृदय सम्राट कोई नहीं हो सकता।’
‘सीएम की तस्वीर नहीं होना अच्छा है’ वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रम राव कहते है, ‘विपक्ष सरकारी कार्यक्रमों के जरिए चुनाव प्रचार का आरोप लगा रहा है। मुझे लगता है कि CM की तस्वीर न होने के पीछे यह कारण भी हो सकता है। यह अच्छी बात है। अखिलेश यादव PM मोदी पर इसका सियासी फायदे लेने का आरोप लगा रहे हैं। अगर CM की तस्वीर होती, तो और बड़ा आरोप लगता। इससे बचने के लिए ही शायद ऐसा किया गया होगा।’
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.