तालिबानियों की तुलना रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि से करने के बाद विवादों में घिरे शायर मुनव्वर राणा को अब देश से निकालने की मांग उठने लगी है। मंगलवार को वाल्मीकि समाज ने लखनऊ के परिवर्तन चौक पर मुनव्वर राणा का पुतला जलाकर विरोध जताया।
वाल्मीकि समाज के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के सदस्य रामसिंह ने पुतला दहन करने वालों का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि पूरे हिन्दू समाज की आस्था में बसे हैं। उनकी तुलना कट्टर, चरमपंथी तालिबानियों से करके मुनव्वर राणा ने देशद्रोह किया है। उनकी मांग है कि राणा के खिलाफ रासुका लगाकर उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए। रामसिंह ने कहा कि देश मे रहकर देश विरोधी बातें और सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास करने वाले राणा को सरकार तालिबानियों के पास ही भेज दे। उन्हें इस देश मे रहने का कोई हक नही है।
मुनव्वर राणा के खिलाफ दर्ज हो चुकी है एफआईआर
तालिबान के समर्थन में बयानबाजी और महर्षि वाल्मीकि की उनसे तुलना करने के मामले में मुनव्वर राणा के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया जा चुका है। यह एफआईआर भारत हिन्दू महासभा के अध्यक्ष शिशिर चतुर्वेदी की तरफ से दर्ज करवाई गई थी। इसके अलावा अनुसूचित जाति जनजाति वित्त निगम के अध्यक्ष डॉ निर्मल ने भी इसकी आलोचना करते हुए इनके खिलाफ तहरीर दी थी।
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