अमर शहीद पथ से चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के बीच प्रस्तावित एलिवेटेड फ्लाईओवर मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने जिलाधिकारी लखनऊ, एलडीए वीसी और सचिव पीडब्लूडी को अगली सुनवाई पर 23 नवंबर को हाजिर होने के आदेश दिए हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने सुनील कुमार सिंह की जनहित याचिका पर पारित किया। दरअसल, मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के और एलडीए के अधिवक्ताओं ने कुछ और समय दिए जाने की मांग की। कहां गया कि मामले में जिन लोगों के प्लाट लिए जाने हैं, उन्हें मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है।
पहले सुनवाई में एलडीए की ओर से जानकारी दी गई थी कि फ्लाईओवर के रास्ते में जो 14 प्राइवेट लोगों के प्लॉट आ रहे हैं। उनमें से एक का आवंटन निरस्त किया जा चुका है। जबकि 4 लोगों को दूसरी जगह समायोजित किया जा चुका है। 4 ने यह रजामंदी दी है कि उनके भूखंडों का जितना हिस्सा फ्लाईओवर के निर्माण में आ रहा है। उसे अधिग्रहित कर लिया जाए। शेष को छोड़ दिया जाए। हालांकि कुछ भूस्वामियों के एलडीए के प्रस्ताव से राजी न होने के कारण अधिग्रहण प्रक्रिया अपनाई गई है।
# राजाजीपुरम में डिवाइडर पर लगाए बिजली के खंभे की दुर्दशा पर हाईकोर्ट सख्त
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राजाजीपुरम के ई-ब्लाक सब्जी मंडी से न्यू टेम्पो स्टैंड तक डिवाइडर पर लगाए बिजली के खंभों की दुर्दशा पर सख्त रुख अपनाया है। जिस पर नगर निगम ने कोर्ट को तत्काल उनको सुधारवाने का आश्वासन दिया है। कोर्ट ने नगर निगम के अधिवक्ता को नगर आयुक्त का व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है।
यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस विवेक वर्मा की पीठ ने एक पूर्व पार्षद शोएब अहमद की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया था कि खंभे मजबूती से नहीं लगे हैं। जिससे वहां रहने वाले लोगों को जीवन का गंभीर खतरा हो सकता है। याची ने उक्त खंभों को दोबारा लगवाने की मांग की थी।
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