कानपुर हिंसा का तानाबाना लखनऊ में बुना गया था। हिंसा भड़काने के लिए यहां से संचालित AVP 24 यूट्यूब चैनल का इस्तेमाल किया गया था। घटना को अंजाम देने के बाद चार मुख्य आरोपी पूरी रात इसी चैनल के दफ्तर में छुपे रहे। कानपुर पुलिस ने शनिवार को चारों को यहीं से गिरफ्तार किया। लखनऊ पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी।
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कानपुर दंगे का मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी अपने सहयोगी जावेद अहमद खान के जरिये AVP 24 (एशियन वॉइस पोस्ट) न्यूज चैनल से जुड़ा था। इस चैनल में पेशे से वकील सुल्तान सिद्दीकी, इमरान और जावेद अहमद पार्टनर हैं। सुल्तान चैनल का सबसे बड़ा साझेदार है। इस चैनल का ऑफिस कैसरबाग थानाक्षेत्र में कलेक्ट्रेट के पास बेगम हजरत महल पार्क के ठीक सामने पांडेय कॉम्प्लेक्स में है। कानपुर दंगे का मुख्य आरोपी हाशमी जावेद का खास दोस्त है।
चैनल के जरिए करता था संस्था का प्रचार-प्रसार
सूत्रों के मुताबिक, हाशमी इसी चैनल के जरिये अपनी MMA जौहर फैंस एसोसिएशन का प्रचार-प्रसार करता था। तीन जून को कानपुर में हिंसा भड़काने के लिए भी उसने इसी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया था। यहां से रणनीति सफल होने के बाद वो कानपुर गया था। वहां हिंसा भड़काने के बाद रात करीब 10 बजे अपने साथी जावेद और दंगे के आरोपी मोहम्मद राहिल और मोहम्मद सुफियान के साथ वापस लखनऊ आ गया।
पुलिस से बचने के लिए वकील दोस्त का ले रहा था सहारा
हयात जफर हाशिमी और जावेद मकसद में कामयाब होने के बाद लखनऊ में उसी चैनल के कार्यालय पहुंचे जहां से वो देश विरोधी षड्यंत्र रच रहे थे। इनका मेन पार्टनर सुल्तान पेशे से वकील भी है। इसलिए इन्हें पूरी उम्मीद थी कि पुलिस इस कार्यालय के भीतर उन पर हाथ नहीं डालेगी। हुआ भी करीब ऐसा ही।
चारों आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद सीधे यहीं आए, लेकिन लखनऊ पुलिस ने उन पर हाथ नही डाला। कानपुर पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रेस करके शनिवार को इन्हें पकड़ा, तब भी लखनऊ पुलिस को भनक नहीं लगी।
चैनल के मालिक ने कहा- घटना के बारे में नहीं थी जानकारी
AVP 24 चैनल के मालिक सुल्तान सिद्दीकी का कहना है कि जावेद उनका पार्टनर है। शुक्रवार रात वो कुछ देर रुकने की बात कहकर अपने तीन दोस्तों के साथ कार्यालय आया था। उसकी तीसरे साझेदार इमरान से बात हुई थी, लेकिन वो रात में कार्यालय में रुक गया। उन्हें नहीं पता था कि कानपुर दंगे में उसका हाथ है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जावेद और हाशमी बचने के लिए सुल्तान से कानूनी सलाह ले रहे थे।
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