3 कृषि कानूनों की वापसी के बाद लखनऊ में एक चैनल से बातचीत में बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था। MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) को लेकर भी सरकार फैसला करे। इस आंदोलन के दौरान किसान शहीद हुए हैं, उन्हें केंद्र सरकार आर्थिक मदद और नौकरी दे। कृषि कानून वापसी पर बसपा प्रमुख मायावती ने किसानों को बधाई दी। मायावती ने कहा कि फैसला लेने में देरी कर दी। बहुत पहले ले लेना चाहिए था। इस आंदोलन के दौरान शहीद किसानों का बलिदान रंग लाया है। बसपा की मांग है कि अब सरकार एमएसपी को लेकर भी जल्द ही शीतकालीन सत्र में बिल लाए।
एमएसपी पर क्या बोले मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा, एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, हमने एक कमेटी के गठन का फैसला किया है। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे।
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नू प्रताप ने फैसले का स्वागत
भारतीय किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने कहा है कि देश का प्रधानमंत्री ऐसा ही होना चाहिए जो एक एक किसान की पीड़ा को समझे। भानू ने कहा कि 75 साल से किसान विरोधी नीतियों के कारण देश का किसान कर्जदार हो गया है। उसको फसलों के दाम नहीं मिले हैं इसलिए किसान आत्महत्या करता है। किसान आयोग का गठन करके किसानों को फसलों के दाम तय करने का अधिकार दिया जाए। इसी तरह एक दिन में किसानों के कर्जे माफ करके की घोषणा किए जाएं। इससे प्रधानमंत्री का देश में नाम हो जाएगा।
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