उत्तर प्रदेश में उद्यमियों को आकर्षित करने और नये उद्योगों की स्थापना के लिए नई एमएसएमई नीति बनाई जा रही है। इसमें अगर कोई उद्यमी उद्योग लगाना चाहता है तो उससे जुड़ी सारी एनओसी 72 घंटे के अंदर मिल जाएगी। जिसके बाद वह उद्योग स्थापित कर सकते हैं।
इसके बाद की कागजी खानापूर्ति के लिए एक हजार दिन का समय दिया जाएगा। इतने दिनों तक कोई भी अधिकारी किसी भी प्रकार से परेशान नहीं करेगा। यह बातें विश्व एमएसएमई दिवस पर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कहीं। वह लखनऊ में एसोचैम की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
तीस जून को लगेगा लोन मेला
उन्होंने कहा कि आगामी 30 जून को राज्य में एक बड़े लोन मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों के करीब एक लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस दिन लखनऊ में होने वाले एक कार्यक्रम में ऋण मेले की शुरूआत करेंगे और इसके साथ ही सभी जिलों में भी ऋण मेले का आयोजन होगा।
उद्यमियों को दिया ढाई लाख करोड़ का कर्ज
मंत्री राकेश सचान ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान राज्य में 06 लाख इकाईयों को 2.5 लाख करोड़ रूपये का कर्ज दिया गया और इस दौरान बड़े पैमाने पर राज्य में निवेश हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिबद्वता को पूरा करने की दिशा में प्रदेश सरकार काम कर रही है और निवेशकों, उद्यमियों और सूक्ष्म उद्योगों की मदद से इस ल़क्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा।
चमड़ा कारोबार का बनेगा क्लस्टर
उन्होंने कहा कि कानपुर में चमड़ा कारोबार का मेगा क्लस्टर बनाया जा रहा है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन के एजेंडा के तहत आगरा, गोरखपुर में भी क्लस्टर बनाने की दिशा में पहल की जा रही है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि लंबित देय में मंडल स्तर पर काउंसलिंग का गठन कर रहे हैं, भुगतान जल्द से जल्द हो इसकी कोशिश की जा रही है। राकेश सचान ने कहा कि जीएसटी से डी-लिंक किया जा रहा है, इससे सब्सिडी में दिक्कत हो रही थी। इसको भी जल्द लागू करेंगे।
पर्यावरण संरक्षण के लिए बायो इंडिगो का करे प्रयोग
सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए बायो इंडिगो जैसे विकल्पों का प्रयोग डेनिम रंगाई के लिए किया जा रहा है। यह व्यवस्था टेक्सटाइल इंडस्ट्री में एक बड़े सकारात्मक बदलाव का कारण बन रहा है। एएमए हर्बल के सह-संस्थापक व सीईओ यावर अली शाह ने यह बात कही। वह 'भारतीय टेक्सटाइल कंपनियों के लिए टेक्निकल टेक्सटाइल बिजनेस में विकास की संभावनाओं' सत्र को संबोधित कर रहे थे।
यावर अली शाह ने कहा, "सतत प्राकृतिक रंगाई विकल्प के लिए हमारे पास बायो इंडिगो मौजूद है। उत्पादन प्रक्रिया में यदि 10 किग्रा कार्बन फुटप्रिंट को कम करना हो तो कई चीजों के साथ-साथ बहुत अधिक धन की आवश्यकता होगी। अगर यदि एक किलोग्राम सिंथेटिक इंडिगो की जगह बायो इंडिगो प्रयोग किया जाए तो कम खर्च और प्रयास में 10 किलोग्राम तक केबिन फुटप्रिंट को कम किया जा सकता है।
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