सावन में कावंड़ यात्रा पर मुखर हुए चिकित्सक:बोले लखनऊ के आईएमए पदाधिकारी, उत्तराखंड सरकार का कावंड़ यात्रा पर बैन का निर्णय सही,यूपी सरकार न बरतें लापरवाही

लखनऊ2 वर्ष पहले
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आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कावंड़ यात्रा पर उत्तराखंड सरकार के बैन के निर्णय को सही करार दिया साथ ही यूपी सरकार को इस मामले में लापरवाही न बरतें की सलाह दी - Dainik Bhaskar
आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कावंड़ यात्रा पर उत्तराखंड सरकार के बैन के निर्णय को सही करार दिया साथ ही यूपी सरकार को इस मामले में लापरवाही न बरतें की सलाह दी

आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर के सरकार की RT-PCRगाइडलाइन को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया पर यह भी जोड़ा कि इसको कड़ाई से लागू करने की जिम्मेदारी भी शासन व प्रशासन की है।इसमें बरती गई हल्की से लापरवाही भी आने वाले समय मे भारी पड़ सकती है।यही कारण है कि गाइड लाइन को शत प्रतिशत पालन करने की दिशा में भी कड़े कदम उठाएं जाने चाहिए।हालांकि तीसरी लहर की प्रबल आशंका पर जोर देते हुए आईएमए कुछ पदाधिकारी सरकार से इस निर्णय पर पुनः विचार की बात भी करते है और हालात को नियंत्रण में रखने के लिए कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने की हिदायत भी देते नजर आते है।दैनिक भास्कर ने इस मुद्दे पर आईएमए के स्थानीय पदाधिकारियों से बातचीत कर उनकी राय जानी -

तीसरी लहर जल्द आने की है आशंका,सतर्कता जरुरी -

डॉ रमा श्रीवास्तव - आईएमए प्रेसिडेंट - लखनऊ
डॉ रमा श्रीवास्तव - आईएमए प्रेसिडेंट - लखनऊ

लखनऊ की आईएमए प्रेजिडेंट डॉ रमा श्रीवास्तव कहती है कि सरकार यदि कावंड़ यात्रा के लिए प्रदेश में इजाजत दे रही है तो इसके नियमों को सख्ती से पालन की जिम्मेदारी भी उसी की है।अब वक्त आ गया है कि हर किसी को कोरोना प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन करना चाहिए।सरकार ने जो गाइड लाइन जारी की है उसका शत प्रतिशत पालन जरुरी है।तीसरी लहर की आशंका से हम सभी आशंकित है और यह जरुरी भी है कि लोग समझे कि अभी कोरोना गया नही है फिलहाल इसकी गति कुछ धीमी पड़ी है पर कब यह दोबारा से भयावह रुप धारण कर लेगा कोई कह नही सकता,इसीलिए सतर्कता जरुरी है।

प्रशासनिक निगरानी संभव हो तभी मिले यात्रा की इजाजत -

डॉ जेडी रावत - आईएमए - एएमएस यूपी चैप्टर के सचिव
डॉ जेडी रावत - आईएमए - एएमएस यूपी चैप्टर के सचिव

वही यूपी आईएमए - एएमएस चैप्टर के सचिव व केजीएमयू के वरिष्ठ पीडियाट्रिक सर्जन डॉ जेडी रावत कहते है कि कावंड़ यात्रा होनी है या नही इस पर सरकार को निर्णय लेना है।हां,कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है।इसके बचाव को लेकर भी कदम उठाएं जाने चाहिए।यदि सरकार कावंड़ यात्रा की इजाजत भी देती है तो उसको यह देखना पड़ेगा कि इस दौरान सोशल डिस्टनसिंग का पालन हो,रास्ते भर प्रशासनिक निगरानी भी रखनी पड़ेगी और आरटीपीसीआर रिपोर्ट की अनिवार्यता पहले ही कर दी गई है।यदि सब कुछ सही से लागू हो सकता है तभी इसकी मंजूरी दी जानी चाहिए।

उत्तराखंड सरकार का निर्णय सही,परिस्थितियों के अनुसार कदम उठाएं यूपी सरकार -

कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव बच्चों पर सबसे ज्यादा पड़ने की आशंका भी जताई है अब सरकार द्वारा कावंड़ यात्रा को लेकर किए गए निर्णय पर पीडियाट्रिक एसोसिएशन का रुख के सवाल पर एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी डॉ शलभ कहते है कि उत्तराखंड का निर्णय तर्क संगत भी है और जायज़ भी।इससे पहले दूसरी लहर के दौरान हरिद्वार में हुए कुंभ से हालात बिगड़े थे।अब इस बार वहां की सरकार ने ऐहतियात बरतते हुए यह कदम उठाया है।उत्तर प्रदेश सरकार को भी इस बाबत ठोस रणनीति के तहत ही काम करना चाहिए।दूसरी लहर का यहां भी असर भयावह रहा है,अभी तक इससे कई लोग उबर नही सके है।इन परिस्थितियों में सरकार यदि कावंड़ यात्रा की इजाजत देती भी है तो उसे सभी तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए।नही तो हालात बिगड़ते देर नही लगेगी।

कुल मिलाकर आईएमए पदाधिकारी भले ही खुल कर कावंड़ यात्रा पर बैन लगाने की बात कहने से बचते नज़र आ रहे हो पर उत्तराखंड सरकार द्वारा उठाएं गए कदम को सही ठहराते हुए उसके समर्थन में नज़र आते है और यूपी सरकार को सचेत रहने की सलाह भी देना नहीं भूलते।

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