यूपी में रामचरितमानस को लेकर शुरू हुआ सियासी विवाद बढ़ता जा रहा है। लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर एक हफ्ते के भीतर दो बार पोस्टर लगे हैं। शनिवार को नया पोस्टर लगा। लिखा है- "गर्व से कहो हम ब्राह्मण हैं, लेकिन बीजेपी ब्राह्मण विरोधी है। हम रामचरितमानस का विरोध नहीं कर रहे हैं, उस चौपाई के कुछ शब्द गलत हैं। उनका विरोध कर रहे हैं।"
पोस्टर के नीचे मुंबई के पंडित अवधेश शुक्ला का नाम लिखा है। उन्होंने पोस्टर में खुद को पूर्व सपा नेता बताया है। लगाए गए बैनर में अखिलेश यादव की बड़ी फोटो के साथ मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य और अन्य नेताओं की फोटो लगी हुई है। हालांकि, इस पोस्टर पर सपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है।
इससे पहले मंगलवार को एक पोस्टर लगा था। जिसमें लिखा गया था, "गर्व से कहो हम शूद्र है"। इस पोस्टर को अखिल भारतीय कुर्मी क्षेत्रीय महासभा की ओर से लगाया गया था। पोस्टर पर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव ने अपने अपने नाम के आगे डॉक्टर शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल लिखवाया था।
उधर, स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए बयान के समर्थन में सपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के 1090 चौराहे पर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम रामचरितमानस का विरोध नहीं कर रहे हैं। हम उन लाइनों का विरोध कर रहे हैं जिसमें दलित, आदिवासी और महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है।
सपा कार्यकर्ताओं ने रामचरितमानस से इन लाइनों को हटाने की मांग की है। कार्यकर्ताओं के इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में दलित और ओबीसी समाज के लोग पहुंचे हुए थे। इनके हाथ में तख्तियां थीं। इसमें जय भीम लिखा हुआ था।
स्वामी प्रसाद ने मायावती पर किया पलटवार
मायावती के शूद्र वाले बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार को फिर ट्वीट किया। लिखा, कदम-कदम पर जातीय अपमान की पीड़ा से व्यथित होकर ही डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि 'मैं हिंदू धर्म में पैदा हुआ यह मेरे बस में नहीं था, किंतु मैं हिंदू होकर नहीं मरूंगा, ये मेरे बस में है।'
सपा प्रवक्ता ने जारी किया वीडियो
सपा कार्यालय के बाहर नया पोस्टर लगने के कुछ ही देर बाद प्रवक्ता का वीडियो सामने आया है। हालांकि उन्होंने नए पोस्टर को लेकर कुछ नहीं बोला। प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा, समाजवादी पार्टी लगातार जातीय जनगणना की बात कर रही है। इसके लिए अखिलेश यादव हर जनपद में जाएंगे।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी कह दिया कि हम जातीय जनगणना के पक्ष में हैं। तो आखिर पिछड़ों, दलितों और वंचितों की हिस्सेदारी में कौन रोड़ा बन रहा है। क्या योगी आदित्यनाथ रोड़ा बन रहे हैं ? और अगर योगी रोड़ा बन रहे हैं तो हम केवल यही जानना चाहते हैं कि आखिर आप क्यों दलितों, पिछड़ों और वंचितों के विरोधी हैं, उनका हक़- और अधिकार क्यों छीनना चाहते हैं।
3 दिन पहले भी सपा कार्यालय पर पोस्टर लगे थे। पढ़िए तब क्या-कुछ हुआ था....
'गर्व से कहो, हम शूद्र हैं':सपा कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर
यूपी में रामचरितमानस को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर मंगलवार को एक पोस्टर लगाया गया। इसमें लिखा था, ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं’। इसे अखिल भारतीय कुर्मी क्षेत्रीय महासभा की ओर से लगाया गया है। पोस्टर पर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव ने अपने नाम के आगे डॉ. शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल लिखवाया है।
पोस्टर को लेकर भास्कर ने सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन से बात की। उन्होंने कहा, "जब धर्मग्रंथों में लिखा है कि चार प्रमुख वर्ग है, पहला क्षत्रिय, दूसरा ब्राह्मण, तीसरा वैश्य और चतुर्थ शुद्र...तो इसमें शूद्र होने पर गर्व करने में कौन सी दिक्कत है। हालांकि, पोस्टर किसने और क्यों लगाया? इस सवाल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। सपा प्रवक्ता बोले- इसमें दिक्कत क्या है?
अब पढ़िए रामचरितमानस से जुडे विवाद
बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बाद अब यूपी में समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है। मौर्य ने रविवार को कहा- कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को रामचरित मानस के आपत्तिजनक अंश हटाना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। (पढ़ें पूरी खबर)
लखनऊ में जलाई गईं रामचरितमानस की प्रतियां
यूपी में रामचरितमानस को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। लखनऊ में रविवार को रामचरितमानस की कुछ प्रतियों को जलाकर विरोध किया गया। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया। महासभा ने पहले से ही विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। (पढ़ें पूरी खबर)
मायावती बोलीं- शूद्र कहकर सपा हमारा अपमान न करे
बसपा सुप्रीमो मायावती ने रामचरितमानस मामले पर सपा पर निशाना साधा है। मायावती ने लगातार एक के बाद एक चार ट्वीट किए हैं। उन्होंने सपा को दो जून 1995 की घटना याद दिलाई। कहा देश में कमजोर में उपेक्षित वर्गों का ग्रंथ रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि नहीं बल्कि भारतीय संविधान है। जिसमें बाबा साहब ने इन्हें शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी, ओबीसी की संज्ञा दी है। सपाई शूद्र कहकर उनका अपमान ना करें और ना ही संविधान की अवहेलना करें। (पढ़ें पूरी खबर)
स्वामी बोले- संत-महंत, धर्माचार्यों को क्या कहा जाए; आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर बयान देकर चर्चाओं में हैं। शुक्रवार को मौर्य ने ट्वीट कर सवाल उठाते हुए कहा है कि अभी हाल में दिए गए मेरे बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने व सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है। अगर, यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद।" (पढ़ें पूरी खबर)
बिहार के शिक्षा मंत्री बोले- रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ
बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर ने मनु स्मृति और रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है। उन्होंने कहा- रामचरित मानस समाज में दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है। उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है। चंद्रशेखर RJD से विधायक हैं।शिक्षा मंत्री पटना के ज्ञान भवन में आज नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में अतिथि थे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सशक्त और समृद्ध मोहब्बत से बनेगा, न कि नफरत से। देश में छह हजार से अधिक जातियां हैं। जितनी जातियां हैं, उतनी ही नफरत की दीवार है। जब तक यह समाज में मौजूद रहेगी, भारत विश्वगुरु नहीं बन सकता है। (पढ़ें पूरी खबर)
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