समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व मंत्री व एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में दलितों को पढ़ने का अधिकार अंग्रेजों ने दिया था। रामचरित मानस को तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिया था। इसे कोई नहीं पढ़ता, ये बकवास है।
स्वामी प्रसाद ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि वो सनातन धर्म को दफना रहे हैं।
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हालही में रामचरित मानस पर विवादित बयान देकर बवाल खड़ा कर दिया था। अब सपा नेता स्वामी प्रसाद ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस में धर्म के नाम पर विशेष जाति का अपमान करती है। क्या यही धर्म है, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो।
उन्होंने कहा कि रामचरित मानस को करोड़ों लोग नहीं पढ़ते है, मानस के कुछ हिस्से पर मुझे आपत्ति है। सरकार को भी रामचरित मानस पर संज्ञान लेकर इसके आपत्तिजनक हिस्से के अंश को हटाना चाहिए। स्वामी प्रसाद ने कहा कि हो सकते तो इस किताब को ही बैन कर देना चाहिए।
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