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LU के VC ने बैठाई 3 सदस्यीय जांच समिति:लखनऊ विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग में पीएचडी प्रवेश में लगे गड़बड़ी के आरोप

लखनऊ2 वर्ष पहले
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LU की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया फिर से विवादों में आ गई है।कंप्यूटर साइंस विभाग में प्रवेश पर एचओडी व प्रवेश समन्वय के बीच घमासान मच गया है। कुलपति ने मामले पर 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है। - प्रतीकात्मक चित्र - Dainik Bhaskar
LU की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया फिर से विवादों में आ गई है।कंप्यूटर साइंस विभाग में प्रवेश पर एचओडी व प्रवेश समन्वय के बीच घमासान मच गया है। कुलपति ने मामले पर 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है। - प्रतीकात्मक चित्र

लखनऊ विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग में पीएचडी 2019-20 के दाखिलों में हेराफेरी के आरोप लगे है। साक्षात्कार के दौरान बनाई गई समिति द्वारा दिए गए अंकों को प्रवेश समन्वयक के स्तर से बदलने का आरोप लगाया गया है। खास बात यह है कि यह आरोप कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष व वर्तमान डीन साइंस फैकल्टी प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह द्वारा लगाए गए है।

प्रो. बृजेंद्र सिंह ने पत्र लिखकर इसका खुलासा करते ही विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया है। मामले की जानकारी होते ही आनन-फानन में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय की ओर से तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। कुलपति के निर्देश पर कुलसचिव विनोद कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

ऐसे हुआ खेल, बदले गए नंबर

दरअसल लखनऊ विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग में सत्र 2019-20 में पीएचडी की 6 सीटों के लिए आवेदन मांगे गए थे। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई। उस टाइम डिपार्टमेंट के एचओडी रहे प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह ने सीटों की संख्या को लेकर आपत्ति उठाई और 4 सीटों पर दाखिले लिए जाने की बात कही। इसके बावजूद, विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से 6 सीटों के लिए आवेदन मांगे गए और दाखिले की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया।

विश्वविद्यालय प्रशासन के आदेश पर 5 सदस्य समिति ने दाखिले के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के साक्षात्कार लिए। यह अंक विभाग की तरफ से प्रवेश समिति को दाखिले की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भेजे गए। इस बीच एचओडी ने जून 2021 में विश्वविद्यालय प्रशासन को एक पत्र भेजा गया। इस पत्र में प्रवेश प्रक्रिया को देख रहे प्रवेश समन्वयक और उनकी टीम पर सवाल खड़े किए गए। आरोप लगाया गया कि जो अंक साक्षात्कार करने वाली समिति की तरफ से प्रवेश के संबंध में को भेजे गए थे, उनमें फेरबदल कर दिया गया।

6 का हुआ प्रवेश, एचओडी की शिकायत के बाद मचा घमासान

विभाग अध्यक्ष की आपत्ति के बावजूद प्रवेश समन्वयक के स्तर पर दाखिले की प्रक्रिया को पूरा किया गया और सभी 6 सीटों पर दाखिले भी ले लिए गए। अब इन अभ्यर्थियों का कोर्स वर्क और आगे की प्रक्रिया अधर में है। विभागाध्यक्ष की ओर से पहले ही इन दावों पर सवाल खड़े कए जा चुके हैं। उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक इस मामले में चुप्पी साधे बैठा हुआ था. विवाद बढ़ने के बाद आनन-फानन में बीते सप्ताह 3 सदस्य समिति का गठन किया गया। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि कुलपति के आदेश पर कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जांच समिति के यह है सदस्य

कुलपति द्वारा गठित की गई समिति में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति केडी सिंह , न्यायमूर्ति भगीरथ वर्मा और सेवानिवृत्त आईएएस प्रभात मित्तल शामिल है। कुलपति के निर्देश पर कुलसचिव विनोद कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

क्या बोले एडमिशन कॉर्डिनेटर

वही इस पूरे मामले पर प्रवेश समन्वयक,प्रोफेसर पंकज माथुर ने बताया कि कम्प्यूटर साइंस विभाग में 2019-20 में जो भी दाखिले हुए, उनकी सीटें कुलसचिव की ओर से तय की गईं थीं। प्रवेश नियमानुसार हुए हैं।

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