लखनऊ में आलया अपार्टमेंट हादसे के बाद एक बार फिर याजदान बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। आरोप है कि बिल्डिंग का निर्माण इनकी तरफ से कराया गया है। ऐसे में उनके खिलाफ मुकदमा कराने का आदेश जारी कर दिया गया है। LDA की तरफ बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है।
कुछ कागजी कार्रवाई चल रही है। उसके बाद मुकदमा दर्ज करा दिया जाएगा। इस दौरान बिल्डर ने शहर में जहां - जहां निर्माण कराया है,उसकी भी जांच की जाएगी।
घटना के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि उनके बाकी बिल्डिंग का भी बुरा हाल होल होगा। इससे पहले बालू अड्डे के पास बिल्डर के अवैध अपार्टमेंट को LDA ने गिरा दिया था। उसने नक्शा पास कराए बिना 50 करोड़ से ज्यादा की बिल्डिंग तैयार कर ली थी। उसमें 30 से ज्यादा परिवारों को फ्लैट बेच दिए गए है।
साल 2010 में बिल्डिंग बनी थी
यह बिल्डिंग साल 2010 में बनी थी। ऐसे में महज 12 साल के अंदर इसके गिरने की वजह से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कोई फ्लैट खरीदने पर 99 साल के लिए रजिस्ट्री होती है। ऐसे में यह सवाल बनता है कि महज 12 साल में बिल्डिंग कैसे गिर गई। बिल्डिंग से अभी तक 16 लोगों को निकाला गया है। इसमें 2 की मौत हो चुकी है।
सपा नेता के बेटे की जमीन
बिल्डिंग का मालिक हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता रहे शाहिद मंजूर के बेटे के नाम पर है। शाहिद मंजूर के बेटे को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि इसको डेवलपर ने इसको बना कर बेचा है। उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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