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भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव नवीं संध्या:कथक हरियाणवी नृत्य संग लोकगीतों की मनोरम छटा बिखरी, रामही राम हो रटन लागी जिभिया गीत पर बजी तालियां

लखनऊएक वर्ष पहले
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नवीं संस्कृतिक संध्या मे कथक हरियाणवी नृत्य संग लोक गीतों की मनोरम छटा बिखरी - Dainik Bhaskar
नवीं संस्कृतिक संध्या मे कथक हरियाणवी नृत्य संग लोक गीतों की मनोरम छटा बिखरी

तुलसी शोध संस्थान श्रीराम लीला समिति ऐशबाग के तत्वावधान और संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत श्रीराम लीला मैदान में चल रहे भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव 2022 की नवीं संस्कृतिक संध्या मे कथक हरियाणवी नृत्य संग लोक गीतों की मनोरम छटा बिखरी। इसके पूर्व आज की चैती महोत्सव की नवीं सांस्कृतिक सन्ध्या का उद्घाटन मुख्य अतिथि पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर श्री राम लीला समिति के अध्यक्ष हरीश चन्द्र अग्रवाल और सचिव पंडित आदित्य द्विवेदी ने मुख्य अतिथि पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा को पुष्पगुच्छ, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

संगीत से सजे कार्यक्रम का आरम्भ मानसी सिंह ने मुझे दास बनाकर रख लेना भजन से कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। इसी क्रम में मानसी सिंह ने अपनी खनकती हुई आवाज में उठो जवान देश की वसुंधर पुकारती, रामही राम हो रटन लागी जिभिया, तुम्हे जानू ना पहचानू ना हनुमान मुदिरिया कहां पाए भजन को सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
संगीत से सजे कार्यक्रम का आरम्भ मानसी सिंह ने मुझे दास बनाकर रख लेना भजन से कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। इसी क्रम में मानसी सिंह ने अपनी खनकती हुई आवाज में उठो जवान देश की वसुंधर पुकारती, रामही राम हो रटन लागी जिभिया, तुम्हे जानू ना पहचानू ना हनुमान मुदिरिया कहां पाए भजन को सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

भक्ति भावना से परिपूर्ण इस प्रस्तुति के बाद राघवेन्द्र प्रताप सिंह के नृत्य निर्देशन में तनु श्री, तमन्ना सिंह, अरिन्दम सिंह, शैलेंद्र सिंह, मोहित गौतम, राघवेन्द्र और हर्षदीप बाजपेई ने श्रृंगारी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शको का मन मोहा। संगीत से सजे कार्यकम के अगले सोपान में राष्ट्रीय कथक संस्थान के कलाकारों उपासना श्रीवास्तव, हुमा साहू, मोनिका, संजीवनी, जयश्री, अत्रांशी, खुषी, अनन्या, श्रेया केशरवानी, प्राचिता, जान्हवी, पूजा, वान्या ने सरिता श्रीवास्तव की परिकल्पना मे भगवान श्री राम की स्तुति- "श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन..... "पर भावपूर्ण नृत्य से कर दर्शकों को राम जी की भक्ति के सागर मेंआकन्ठ डुबोया, इस प्रस्तुति मे आमद, तोडे़, टुकडे़, परन, तिहाईयों का समावेश था। इस प्रस्तुति के उपरान्त उपासना श्रीवास्तव, हुमा साहू, मोनिका, संजीवनी, जयश्री, अत्रांशी, खुषी, अनन्या, श्रेया केशरवानी, प्राचिता, जान्हवी, पूजा, वान्या ने ठुमक चलत रामचन्द्र" पर उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। इस पेशकश के बाद विजय बेला एक कदम खुशियों की ओर" द्वारा प्रस्तुत और चन्द्रभाष सिंह के निर्देशन में मंचित नाटक "जीवन संघर्ष" ने जीवन जीने की कला सिखाई। मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त भास्कर नाट्य कला मंदिर कोलकता के कलाकारों ने देवी तुलसी नाटक द्वारा तुलसी के महत्व से परिचित कराया। इसके अलावा संदीप शर्मा व साथी कलाकारों ने हरियाणवी लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शको की कंजूस तालियां बटोरीं।

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