बलरामपुर अस्पताल के स्थापना दिवस में पहुंचे डिप्टी सीएम:ब्रजेश पाठक ने मरीजों के बेहतरीन इलाज करने पर दिया जोर, ऑक्सीजन प्लांट का किया शुभारंभ

लखनऊ2 महीने पहले
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लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के स्थापना दिवस कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुरुआत करते डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और राज्यमंत्री मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह - Dainik Bhaskar
लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के स्थापना दिवस कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुरुआत करते डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और राज्यमंत्री मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह

शुक्रवार को बलरामपुर चिकित्सालय के 154 वें स्थापना दिवस समारोह में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में शोध परक इलाज करने पर जोर दिया। स्थापना दिवस पर बलरामपुर चिकित्सालय में नए 560 एलएमपी ऑक्सीजन प्लांट, ICU में मोबाइल डायलिसिस और नर्सिंग स्कूल के रेनोवेशन का उद्घाटन किया गया।

वही पद्मश्री डॉ. एससी राय मेमोरियल ओरेशन में प्रोफेसर डॉक्टर सोनिया नित्यानंद स्टेम सेल थेरेपी पर व्याख्यान दिया।

मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर करें मरीजों का इलाज

इस दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहां कि बलरामपुर अस्पताल लगातार तरक्की कर रहा है। गंभीर मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है। कैंसर, न्यूरो सर्जरी, यूरो सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी जैसे सुपर स्पेशिलिटी विभागों का संचालन हो रहा है। इससे गंभीर रोगियों को राहत मिली है। वहीं दूसरी ओर बड़े मेडिकल संस्थानों से मरीजों का दबाव भी कम हुआ है।

बलरामपुर अस्पताल की सरकार करेगी हर संभव मदद

बलरामपुर अस्पताल प्रदेश का सबसे ज्यादा बेड वाला चिकित्सालय हैं। यहां अस्पताल में इलाज के साथ पढ़ाई की सुविधा दी जा रही हैं। इस दिशा में अस्पताल प्रशासन कदम बढ़ाये। सरकार हर संभव मदद करेगी।उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समिति के बजट का उपयोग करते हुए रोगियों के कल्याण में जो भी चीजों की कमियां हैं उनको तत्काल पूरा करें और शासन स्तर से जो भी सहयोग होगा तत्काल किया जाएगा।

रोगियों का बढ़ा भरोसा

स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि 'सरकारी अस्पतालों के प्रति रोगियों का भरोसा बढ़ रहा हैं।यह सब डॉक्टर व कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा हैं। ओपीडी व भर्ती रोगियों की सेहत का खयाल रखें.' नियमित राउंड लें।

यह रहे मौजूद

इस दौरान बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. रमेश गोयल, सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

यह सुविधा हैं मौजूद

अस्पताल के सीएमएस डॉ जीपी गुप्ता ने बताया कि 'चिकित्सालय में पीपीपी मॉडल पर विकसित 13 डायलिसिस मशीन युक्त हीमोडायलिसिस यूनिट भी संचालित है, जहां लगभग 35-40 रोगियों की प्रतिदिन डायलिसिस की जाती है। साथ ही चिकित्सालय में अपनी अलग सात डायलिसिस मशीन युक्त डायलिसिस यूनिट भी है, जहां पर प्रतिदिन 14 गंभीर रोगियों को डायलिसिस दो शिफ्टों में की जाती है। चिकित्सालय के दन्त रोग विभाग में सुपरस्पेशिलिस्ट डेंटल सर्जन उपलब्ध हैं। चिकित्सालय के दन्त संकाय में आधुनिकतम आरवीजी (डिजिटलाइज्ड एक्स-रे) की सुविधा उपलब्ध हैं। बलरामपुर चिकित्सालय प्रादेशिक चिकित्सा सेवाओं का एकमात्र ऐसा चिकित्सालय है, जहां पर आरसीटी की सुविधा भी उपलब्ध हैं। बलरामपुर चिकित्सालय, लखनऊ प्रदेश का मॉडल एआरबी वैक्सीनेशन सेंटर है।

उन्होंने कहा कि 'इसके अलावा चिकित्सालय में 24 घंटे आधुनिक पैथोलॉजी जांचों की सुविधा आईएसओ सर्टीफाइड, एनएबीएल प्रमाणित लैब द्वारा दी जा रही है।प्रादेशिक चिकित्सा सेवाओं की प्रथम एवं एकलौती हिस्टोपैथोलॉजी लैब, माइक्रोबायोलॉजी लैब और 24 घंटे संचालित होने वाली आरटीपीसीआर लैब भी क्रियाशील है। रेडियोलॉजी जांचें जिसमें आधुनिक 3डी सीटी स्कैन एवं अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी उपलब्ध है। चिकित्सालय में प्रदेश की एकमात्र आधुनिक स्किन ओटी भी संचालित है।

डॉ. रमेश गोयल - निदेशक, बलरामपुर अस्पताल, लखनऊ
डॉ. रमेश गोयल - निदेशक, बलरामपुर अस्पताल, लखनऊ

ऐसे बना बलरामपुर अस्पताल

बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. रमेश गोयल ने बताया कि 'राजा बलरामपुर ने इसका विस्तार किया। 36 बेड पर मरीजों का इलाज शुरू हुआ। उपकरण भी लगाए गए। वर्ष 1948 में बलरामपुर अस्पताल सरकार के अधीन कर दिया गया। उस वक्त 20 बेड और बढाए गए। एक विशेषज्ञ और तीन एमबीबीएस डॉक्टर तैनात किए गए। साथ ही तीन कम्पाउंडर, 20 नर्स और 50 कर्मचारी रखे गए। उस वक्त यहां रोजाना करीब 200 मरीज देखे जाते थे।