यूपी के 1.80 करोड़ छात्र-छात्राओं के अभिभावको के बैंक खातों में 1100 रुपए की धनराशि जारी की गई। शनिवार को CM योगी आदित्यनाथ ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे नौनिहालों को डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (DBT) से आर्थिक मदद दी। अभिभावकों को इस रकम से बच्चों के स्वेटर, जूते-मोजे, किताब और स्टेशनरी खरीदनी होगी। नई व्यवस्थाएं ड्रेस-किताबों की खरीद में क्वालिटी बनाए रखने के लिए की गई है।
बैंक खातों में ट्रांजैक्शन नहीं, तो रकम ट्रांसफर नहीं होगी
विभागीय मंत्री सतीश द्विवेदी ने बताया कि DBT से फंड ट्रांसफर सिर्फ उन्हीं अभिभावक के बैंक खातों में होगा। जिनमें पिछले 2 महीने में रुपए का कोई लेनदेन हुआ है। उसके अलावा किसी खाते में राशि नहीं भेजी जाएगी। इससे पहले जिलों में एजेंसियों के जरिए बच्चों की ड्रेस-किताबों को खरीदकर स्कूलों में बंटवाया जाता था। इसमें भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद व्यवस्था बदलाव की जा रही है।
1100 रुपए की आर्थिक मदद को इस तरह समझिए
CM ने कहा-अभी 60 लाख बच्चों को और देंगे फायदा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि DBT तकनीक भ्रष्टाचार को रोका जा सकेगा। अब शिक्षकों को यह तय करना होगा कि बच्चे इन पैसों से यूनिफार्म, जूते-मोजे और बैग-बुक्स के साथ स्कूल आएं। अभी तक साढ़े चार साल में हर स्कूली बच्चे को दो यूनिफार्म और बैग-बुक्स उपलब्ध कराया गया। बहुत सारे बच्चे भीषण ठंड में बिना स्वेटर के स्कूल आते थे। उन्हें दिलाए गए स्वेटर की क्वालिटी पर सवाल खड़े होते रहे। अब सीधे अभिभावकों को रुपए देकर व्यवस्था में बदलाव किया है। अभी लगभग 60 लाख बच्चों को इससे और जोड़ा जाएगा। उनके अभिभावकों के बैंक खातों की जांच करवाई जा रही है। जल्द ही उनके भी बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
प्रक्रिया को PFMS सेल बनाएगी बेहतर
DBT की प्रक्रिया को ठीक से चलाने के लिए PFMS सेल बनाई गई है। जिसमें तैनात किए गए अधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। जो प्रेरणा पोर्टल से डेटा लेकर उसको PFMS पोर्टल में अपलोड होने और राशि के जाने तक की सभी गतिविधियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
PFMS पोर्टल से हो रहा अभिभावकों का डेटा चेक
भुगतान में होने वाली दिक्कतों को रोकने के लिए PFMS पोर्टल की मदद ली जा रही है। इसके लिए विभाग ने वित्त, लेखाधिकारी को डाटा अप्रूवल और बीएसए को डाटा ऑपरेटर की आईडी दी हैं। ताकि पोर्टल से अभिभावकों का डेटा चेक हो जाए।
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