इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग के एक सदस्य की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त एक इंटरनेशनल रैकेट से जुड़ा हुआ है। जो ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस और बैंक अकाउंट्स को हैक करके आम लोगों के साथ ठगी करते हैं। अपराध की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।
यह आदेश जस्टिस कृष्ण पहल की एकल पीठ ने अभियुक्त सोनू उर्फ लोकेश की जमानत याचिका पर पारित किया। जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी अधिवक्ता शिवनाथ तिलहरी की दलील थी कि अभियुक्त के पास से ATS ने 24 एक्टीवेटेड सिम और 16 सिम रैपर्स बरामद किए थे। मामले के एक अन्य अभियुक्त हर्ष कौशिक उर्फ लोडी उर्फ रॉडी से सिम प्राप्त कर के विशेष शर्मा उर्फ विष्णु नाम के अभियुक्त को मुहैया कराता था।
सरकारी वकील ने बताया कि उक्त विशेष शर्मा उर्फ विष्णु और चीनी नागरिक ली. टेंगली उर्फ एलिस के बीच 10 बार बात हो चुकी थी। जबकि याची और विशेष शर्मा के बीच 257 बार बात हुई थी। यह भी कहा गया कि अभियुक्त द्वारा मुहैया कराए गए सिम कार्ड का इस्तेमाल चीन, इंडोनेशिया, फिलीपिंस और लाओस में होता था। इन्हीं देशों से लोगों के बैंक अकाउंट हैक करके उनमें से पैसे निकाल लिए जाते थे। इस मामले में एटीएस जू जुंगफू और सुन लि यिंग नाम के दो अन्य चीनी नागरिकों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
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