लखनऊ में मिलिट्री लिटरेचर फेस्ट के दूसरा सत्र का सूर्या सभागार में आयोजन किया गया। इस दौरान सेवारत सैन्य कर्मियों, पूर्व सैनिकों, प्रतिष्ठित नागरिकों, विद्वानों, छात्रों और एनसीसी कैडेट मौजूद रहे। इस वर्ष के मिलिट्री लिटरेचर फेस्ट की थीम 'स्वतंत्रता और सशस्त्र बलों के 75 वर्ष' रही।
सूर्या कमान के जीओसी-इन- सी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने लेखकों को सम्मानित करते हुए लखनऊ के योगदान की प्रशंसा की।
फेस्ट में मिन्नी वैद की पुस्तक फतेह उत्तर प्रदेश का विमोचन वा की क्षेत्रीय अध्यक्ष निधि डिमरी ने किया। लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रो निशी पांडे ने पुस्तक से महत्वपूर्ण क्षणों को सामने लाने के लिए सत्र का संचालन किया।
फेस्ट में प्रमोद कपूर ने कमोडोर श्रीकांत केसनूर से उनकी पुस्तक, 1946 : द लास्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - रॉयल इंडियन नेवल म्यूटिनी पर चर्चा की। स्क्वाड्रन लीडर तूलिका रानी ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के अपने अनुभवों साझा किए। उनके प्रयास और उनकी पुस्तक बियॉन्ड दैट वॉल: रिडेम्पशन ऑन माउंट एवरेस्ट से सीखने के लिए बहुत कुछ है। उत्तर पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया के भारत के प्रमुख विशेषज्ञ सुदीप चक्रवर्ती ने मेजर जनरल हेमंत कुमार सिंह के साथ अपनी पुस्तक द ईस्टर्न गेट: वार एंड पीस इन नागालैंड, मणिपुर एंड इंडियाज फार ईस्ट पर चर्चा की।
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