PPP मॉडल पर हर जिले में मिलेगी CT स्कैन सुविधा:PPP फॉर हेल्थ केयर एक्सीलेंस की वर्कशॉप में पहुंचे डिप्टी सीएम; इन्वेस्टर्स को दिया भरोसा

लखनऊ2 महीने पहले
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सोमवार को लखनऊ के निजी होटल में PPP फॉर हेल्थ केयर एक्सीलेंस की वर्कशॉप में पहुंचे डिप्टी सीएम

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले प्रदेश का चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट जुटाने के प्रयास में हैं। सोमवार को इसी मकसद से राजधानी के निजी होटल में वर्कशॉप का आयोजन किया गया।

PPP यानी प्राइवेट सेक्टर पार्टनरशिप फॉर हेल्थ केयर एक्सीलेंस की वर्कशॉप में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी पहुंचे। इस दौरान जहां इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने हालात बदलने के लिए बड़े बदलाव लाने की बात कही। वही स्वास्थ्य मंत्री ने योगी सरकार के कार्यकाल में बड़े बदलाव लाने का दावा किया।

यूपी में हेल्थ सिस्टम में आया बदलाव

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहां कि 2017 से पहले यूपी में 13 मेडिकल कॉलेज थे आज के समय मेडिकल कॉलेज की संख्या 65 हो चुकी हैं। सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोल रहे हैं।

अगले 40 दिनों में 10 मेडिकल कॉलेज का सपना भी साकार होगा। 2017 के बाद से प्रदेश में लॉयन ऑर्डर लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन बड़ा सुधार हुआ है हेल्थ सेक्टर और चिकित्सकों के खिलाफ भी कोई बड़ी घटना करने की किसी मे हिम्मत नही हुई हैं।

हमारा लक्ष्य 1 चिकित्सक पर 3 पैरामेडिकल और 3 नर्स होने की WHO की गाइड लाइन हैं। इस लक्ष्य को पाने के मकसद से 4 मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की पढाई शुरू हो चुकी हैं। सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू की जाएगी।

संजीवनी एप के जरिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से डायरेक्ट मरीज को हायर सेंटर से सलाह और उपचार मिल रहा हैं। प्रदेश के सभी 2800 से ज्यादा PHC,900 से ज्यादा CHC और कुल 95 जिला अस्पताल हैं।

यूपी के सभी जिलों में PPP मॉडल पर किडनी डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हैं। जहां जरूरत होगी वहां पर इस सुविधा में इजाफा किया जाएगा। जल्द ही सभी जिलों के अस्पतालों में CT स्कैन सुविधा भी उपलब्ध होगी।

रोजाना 1 लाख 70 हजार मरीज आते हैं अस्पताल

ब्रजेश पाठक में दावा किया कि उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पताल में रोजाना 1 लाख 70 हजार से ज्यादा मरीज उपचार कराने के लिए आते हैं। जिनमें से 13 हजार एक्सीडेंटल मरीज होते हैं।

वही 7 से 8 हजार मरीज गंभीर रोग से पीड़ित होते हैं। यूपी के अस्पतालों में रोज 5 हजार से ज्यादा ऑपरेशन किए जाते हैं। इन सभी आंकड़ों से साबित होता है कि उत्तर प्रदेश के हेल्थ केयर सेक्टर में काफी संभावनाएं हैं। यदि इनवेस्टर्स यहां का रुख करते हैं तो उन्हें सही मायने में बेहद पॉजिटिव रिजल्ट मिलेंगे।