स्टूडेंट्स के लिए काम की खबर:लखनऊ विश्वविद्यालय में साइंस के बाद अब आर्ट्स फैकल्टी का भी कामन मिनिमम सिलेबस लागू करने से इंकार

लखनऊ2 वर्ष पहले
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लखनऊ विश्वविद्यालय में विज्ञान के बाद अब कला संकाय बोर्ड ने भी स्नातक (बीए) में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम (कामन मिनिमम सिलेबस) को अपनाने से इंकार कर दिया है। शुक्रवार को हुई आर्ट्स फैकल्टी की बोर्ड आफ स्टडीज में सदस्यों ने इसका विरोध किया। बैठक में सर्वसम्मति से सभी विभागों ने कामन मिनिमम सिलेबस को खारिज करने की बात कही जा रही है।

फैकल्टी की यह आपत्ति थी कि कामन मिनिमम सिलेबस कम्पलीट नहीं है। इसमें छात्रों के लिए आवश्यक कंटेंट नहीं है। यह भी कहा गया कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विपरीत है। एलयू की डीन आर्ट्स प्रो. तृप्ता त्रिवेदी के अनुसार कला संकाय बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने कामन मिनिमम सिलेबस को स्वीकार नहीं किया है।

शिक्षकों का कहना है कि विधि संकाय में बार काउंसिल द्वारा स्वीकृत सिलेबस ही पढ़ाया जा सकता है। इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा भेजा गया कॉमन मिनिमम सिलेबस लखनऊ विश्वविद्यालय के लगभग सभी विभागों ने खारिज कर दिया है।गौरतलब है कि बीते दिनों विज्ञान संकाय ने भी कामन मिनिमम सिलेबस को खारिज कर दिया था।

नहीं है उच्च शिक्षा के हित में

लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) अध्यक्ष डा. विनीत वर्मा ने मांग की है कि सरकार कामन मिनिमम सिलेबस वापस ले। यह छात्रों तथा उच्च शिक्षा के हित में नहीं है। इसकी अवधारणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के विपरीत है। इसको लागू करने का मतलब है कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के विरुद्ध है।

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