चुनावी बहस का मुद्दा भाभियां भी हैं। एक भाभी सरकार में मंत्री हैं और उनका ऑडियो वायरल हुआ है। वहीं, दूसरी भाभी अपना राजनैतिक कुनबा छोड़कर हाल ही में भगवाधारी हुई हैं। दोनों भाभियों के बहाने लखनऊ के ‘छोटे माननीय’ एक दूसरे दल पर टिप्पणियां कर रहे। टिप्पणियों के माकूल जवाब भी मिल रहे। जवाब पर फिर सवाल और सिलसिला जारी है। यह सब हो रहा है वॉट्सऐप ग्रुप पर। वही वॉट्सऐप ग्रुप, जिसे इन्हीं ‘छोटे माननीयों’ ने अपनी बातों को आपस में साझा करने के लिए बनाया था।
दरअसल बात यह है कि हाल ही में दो घटनाक्रम हुए, जिनमें चौके की बात चौराहे तक आ गई। पहली बात थी, समाजवादी परिवार की छोटी बहू, अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने की। और दूसरी, सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह का ऑडियो लीक होने की, जिसमें वह अपने पति दयाशंकर सिंह द्वारा पीटे जाने का आरोप लगा रही हैं। दैनिक भास्कर ने लीक ऑडियो की खबर ब्रेक की थी। देर रात पार्षदों के ग्रुप में इसी खबर का लिंक पोस्ट करते हुए समाजवादी पार्टी से ताल्लुक रखने वाले कश्मीरी मोहल्ला वॉर्ड के पार्षद लईक आगा ने टिप्पणी की, भाभी मंत्री सेफ नहीं, बीजेपी में।
अब इस टिप्पणी के बाद जवाब भाजपा के खेमे से आना ही था। जानकीपुरम से पार्षद खुशबू मिश्रा के पति दीपक मिश्रा ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा, आपकी भाभी फिर बीजेपी में क्यों आ गईं? स्वामीजी की बेटी भी बीजेपी छोड़कर नहीं गई। बात बढ़ी तो लईक ने फिर जवाब दिया, हमारी भाभी के पति नेक इंसान हैं, पत्नी को मारते नहीं हैं। समाजवादी के संस्कार लेकर आई हैं। अब दूसरी टिप्पणी फिर दीपक की तरफ से हुई, संस्कार नहीं, तिरस्कार लेकर आई हैं।
बढ़ता गया आरोप-प्रत्यारोप का दौर
यह बात यहीं नहीं थमी। आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। दीपक मिश्र ने तंज किया कि जब अखिलेश परिवार के लोग ही सुरक्षित नहीं हैं तो जनता जनार्दन का क्या होगा। परिवार के लोग ही भाजपा में आस्था दिखा रहे हैं। इसपर लईक ने कहा, आपकी मंत्री अपने घर में सुरक्षित नहीं हैं। चीख-चीखकर बोल रही हैं कि मेरी पिटाई होती है। भाभियों से होते हुए मुद्दा लखीमपुर और कोरोना तक बातचीत बढ़ती रही और एक दीपक मिश्र ने कहा, 15 साल बाद ऐसी सरकार आई है कि सबका विश्वास जीता है। 10 मार्च को यह साबित हो जाएगा।
इसपर लईक ने विश्वास को लेकर टिप्पणी की, किसानों का विश्वास गाड़ी चढ़ाकर, हाथरस की बेटी का, गंगा में लाशें बहाकर और लॉकडाउन में मजदूरों का विश्वास जीता है। कोरोना की बात छिड़ी तो सपा पर वही तंज, कितने लोग निकले थे कोरोना काल में? फिर गिनाना शुरू किया दीपक ने किसानों की आय दोगुनी हो गई, खाद किसानों को सुलभता से मिलने लगी, कोरोना वैक्सीन निशुल्क लगी। लईक ने फिर शब्दों में धार धरी, सपाइयों ने बेहतरीन काम किया। घर-घर राशन पहुंचाया, लोगों की मदद की इसलिए जनता की पुकार आ रहे अखिलेश।
और अब हुई राम की एंट्री
बात चुनाव की हो। भाजपा का समर्थक हो और राम की बात न करे, ऐसा कैसे हो सकता है? बातों की तकरार के बीच आ गए आलमनगर वार्ड के पूर्व पाषर्द नागेन्द्र सिंह। उन्होंने कहा, जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे, यूपी में फिर से भगवा फहराएंगे। दीपक मिश्र को समर्थन मिला तो उन्होंने स्वागत किया और फिर ऐलान हुआ कि अबकी बार 350 पार। लईक ने फिर हमला तीखा किया, भगवान राम को कौन ला सकता है? वह तो खुद भगवान हैं। भगवान राम को भगवान समझिए। योगीजी इंसान हैं। वह राम को कैसे ला सकते हैं? दीपक ने फिर ललकारा कि सपा के पास शब्द नहीं। तो लईक ने कहा, हमको राम प्यारे हैं, हमको कृष्ण प्यारे हैं। लेकिन वो लोग प्यारे नहीं जो राजनीति के लिए कहें कि हम राम लाए हैं। भगवान राम सबके हैं जो भगवान के नाम पर राजनीति करेगा उसे भगवान ही सजा देंगे।
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