वाराणसी के रामनगर वन्य जीव संस्थान में 18 महीनों से मिट्ठू हाथी बंधक बना हुआ था। उसे यह सजा हत्या के आरोप के चलते मिली थी। हालांकि, अब हाथी को जंजीरों से आजादी मिल गई है। फिलहाल उसे दुधवा नेशनल पार्क पहुंचा दिया गया है।
यहां पर डॉक्टरों की टीम ने उसको 14 दिनों के लिए सुनारीपुर रेंज में आइसोलेट किया है। डॉक्टरों की टीम हाथी का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही। प्रशासन ने तय किया है कि मिट्ठू को जंगल की सुरक्षा में लगाया जाएगा।
जगह बदलने से बेचैन है हाथी
उसे लाने के लिए दुधवा टाइगर रिजर्व से वेटेनरी डॉ. दयाशंकर और उनके साथ एक अन्य डॉक्टर के साथ महावतों की टीम दो दिन पहले रवाना हुई थी। जिसके लिए हाइड्रोलिक सिस्टम का विशेष वाहन भी उपलब्ध कराया था। ताकि हाथी को कोई दिक्कत ना आए। टीम सोमवार को हाथी को लेकर दुधवा पहुंच गई।
हाथी की उम्र लगभग 45 वर्ष बताई जा रही है। वह लगभग 5 से 6 महीने तक मेडिकल जांच के चलते अन्य हाथियों से अलग रहेगा। हालांकि, वह पूरी तरह से स्वस्थ बताया जा रहा है, लेकिन जगह बदलने के चलते वह बेचैन नजर आ रहा है।
डेढ़ साल पहले गुस्से में एक व्यक्ति को कुचल कर मार दिया था
इससे पहले मिट्ठू उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक महावत के पास था। 20 अक्टूबर 2019 को चंदौली की रामलीला चल रही थी। जहां महावत के साथ मिट्ठू गया था। वापस लौटते वक्त कुछ लोगों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जिससे उसे गुस्सा आया और उसने एक व्यक्ति को जान से मार दिया। सूचना मिलने पर हाथी और उसके महावत को गिरफ्तार कर लिया गया। बबुरी थाने में हाथी और उसके महावत पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था।
महावत पर लाइसेंस ना होने का लगा था आरोप
वन विभाग का हाथी के मालिकों पर आरोप था कि उन्होनें इसे अवैध तरीके से पाला है। क्योंकि उनके पास इसे पालने का लाइसेंस नहीं है। इसीलिए वन विभाग ने उसे अपने कब्जे में ले लिया। जिसके बाद उसे वाराणसी के रामनगर वन्य जीव संस्थान में रखा गया था। इस मामले में बाद में महावत को जमानत मिल गई थी। इस बीच महावत ने कोर्ट में हाथी को लेने का काफी प्रयास किया, लेकिन कोर्ट ने हाथी को दुधवा नेशनल पार्क भेजने को कहा ।
फील्ड डायरेक्टर बोले- स्वस्थ्य है हाथी
दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक का कहना है कोर्ट के आदेश के बाद मिट्ठू हाथी को दुधवा टाइगर रिजर्व लाया गया है। फिलहाल इसको 14 दिनों के लिए आइसोलेट किया गया है। उसके बाद मिट्ठू को 5 महीने के लिए जंगल के दूसरे हाथियों से अलग रखा जाएगा। इसकी देखरेख की जाएगी इसके स्वभाव में हो रहे बदलाव पर निरीक्षण किया जाएगा। लगातार इसके स्वास्थ्य का परीक्षण होगा। यह हाथी इस समय कुछ कमजोर लग रहा है।
5 महीने की निगरानी के बाद इसको जंगल की सुरक्षा और पर्यटन के लिए जो उपयुक्त होगा उसमें लगाया जाएगा। हमारे पार्क में हाथियों की संख्या 25 हो गई है। इसको 5 महीने की ट्रेनिंग सत्र के बाद दुधवा टाइगर रिजर्व में कार्य पर रखा जाएगा ।
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