लखनऊ में अपराधी बेलगाम होते नजर आ रहे हैं। क्या आम और क्या खास हर किसी को अपना निशाना बना रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। लखनऊ की यह चार घटनाएं लखनऊ के बढ़ते अपराध की बानगी मात्र हैं। जिसमें आठ दिसंबर से 12 दिसंबर के बीच बदमाशों ने दो लोगों की हत्या, एक डकैती और एक हत्या की कोशिश की। इन सभी घटनाओं में अभी तक पुलिस के हाथ खाली है। यह घटनाएं अलीगंज, जानकीपुरम, कृष्णानगर और तालकटोरा थाना क्षेत्र में हुई हैं। लखनऊ में पुलिस आंकड़ों के हिसाब से 2019-20 में 15090 मुकदमें दर्ज हुए थे। वहीं 2020-21 में 14147 मामले दर्ज हुए, लेकिन अपराधियों के इस तरह की घटनाओं ने पुलिस की सक्रियता पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए है।
घटना एक
लखनऊ में बेखौफ घूम रहे बदमाशों ने आठ दिसंबर को अलीगंज थाना क्षेत्र में तिरूपति ज्वैलर्स में दिन दहाड़े कर्मचारी श्रवण शर्मा को गोली मारकर लाखों की लूट को अंजाम दिया। इस मामले में पुलिस को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी हैं। बस पुलिस हर बार की तरह रटारटाया बयान दोहरा रही है कि अपराधियों का सुराग लगा है। छापेमारी चल रही है।
घटना दो
नौ दिसंबर को जानकीपुरम में बीकेटी निवासी सुभाष सिंह की गोली दी गई। हत्यारे आराम से फरार हो गए, पुलिस अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं लगा पाई है। इस घटना को लेकर परिजनों व क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है क्षेत्र में गश्त न होने से चोरी व लूटपाट की घटनाएं बढ़ी हैं और अपराधी बेलगाम हो गए हैं।
घटना तीन
11 दिसंबर को तालकटोरा कर्बला के पास बाइक सवार युवकों ने मुतवल्ली सैयद फैजी के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिसमें फैजी का साथी सोनू गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। जबकि इस घटना के वक्त उनका गनर भी मौजूद था और हमलावरों पर जवाबी फायरिंग भी की।
घटना चार
12 दिसंबर कृष्णा नगर के विजयनगर में बाइस सवार बदमाशों माफिया मुख्तार अंसारी के चालक महेंद्र प्रताप को गोलियों से भून दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस हत्या से जुड़े साक्ष्य जुटा रही है।
लखनऊ में पिछले एक साल के आपराधिक आंकड़े (नवंबर 2020 से नवंबर2021)
अपराध संख्या
डकैती 5
लूट 22
हत्या 77
बलवा 48
चोरी 2221
रेप 77
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