KGMU की पैथोलॉजी में खून और प्लेटलेट्स से जुड़ी बीमारियों की और सटीक जांच हो सकेगी। इसके लिए विभाग में कॉगुलेशन लैब स्थापित की गई है। इससे अधिक से अधिक मरीजों की जांच कम समय में होगी। बीमारी की सटीक पहचान भी हो सकेगी।
सोमवार को पैथोलॉजी विभाग के 110 वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान ब्राउन हॉल में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान डॉ. यूएस सिंह ने कहा कि कॉगुलेशन लैब में हीमोफीलिया, रक्तस्राव से जुड़ी बीमारियों की पहचान की जा सकेगी। प्लेटलेट्स से जुड़ी जांचें भी हो सकेंगी। उन्होंने बताया कि लैब में दो आधुनिक ऑटोमेटेड कॉग्लोमीटर लगाए गए हैं। इससे अधिक नमूनों की जांच होगी। अभी तक मैनुअल जांच ही हो पाती थी।
लैब की प्रमुख डॉ. रश्मि कुशवाहा ने बताया कि स्टेट ऑफ आर्ट कॉगुलेशन लैब है। खून से जुड़ी रेयर बीमारियों पहचान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक का पता लगाने के लिए ट्रॉपटी और ट्रॉप-आई जैसी जांच महज 20 मिनट संभव हो गई है। ऑपरेशन के दौरान कोशिकाओं की जांच कर कैंसर का पता लगाया जा सकता है।
हर साल कराए जांच
अमेरिका की डॉ. सुमिता गोखले कहा कि स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्तन में पड़ने वाली गांठ या घाव होने पर 80 फीसदी महिलाओं की बायोप्सी करनी पड़ती है। अफसोस की बात है कि बीमारी गंभीर होने की दशा में महिलाएं अस्पताल आ रही है। जबकि यूएसए में 50 के बाद सभी महिलाओं के लिए हर साल मैमोग्राफी करना अनिवार्य है। नतीजन यूएसए में स्तन कैंसर के मामलों में कमी आ रही है। कार्यक्रम में KGMU कुलपति डॉ. बिपिन पुरी, डॉ. सुमीत गुजराल और सर गंगाराम अस्पताल से डॉ. ममता कंकरा मौजूद रही।
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