योगी सरकार की एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना को विश्व स्तर पर अलग पहचान दिलाने की तैयारी है। प्रदेश के छोटे-छोटे जिलों के खास उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहुंचाने के लिए बड़ी पहल की गई है। फ्लिपकार्ट और अमेजन की तरह ओडीओपी अपना ई-कामर्स प्लेटफार्म व एप लांच करने वाला है।
ओडीओपी उत्पादों के लिए यह पहला समर्पित प्लेटफार्म होगा, जिसका अभी फिल्ड ट्रायल चल रहा है। दुनिया में बढ़ते ऑनलाइन कारोबार को देखते हुए ओडीओपी उत्पादों के लिए इसका रास्ता तैयार किया जा रहा है। ओडीओपी के ई-कामर्स प्लेटफार्म पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाला कोई भी कारोबारी अपने उत्पाद बेच सकता है।
ओडीओपी के शिल्पकारों का होगा GST रजिस्ट्रेशन
सरकार की ओर से पहली बार बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाले ओडीओपी के शिल्पकारों को भी सब वेंडर बनाकर शामिल किया जा रहा है। इस ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से खरीद होने पर शिल्पकार को सीधे मैसेज पहुंचेगा और हेल्पलाइन नंबर से फोन कर बताया जाएगा कि अपने उत्पाद तैयार रखें। इसके बाद संबंधित शिल्पकार से उत्पाद लेकर लाजिस्टिक पार्टनर ग्राहक तक पहुंचाएंगे।
ओडीओपी मार्ट का जल्द लांच होगा ऐप: नवनीत सहगल
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम के साथ मिलकर ओडीओपी मार्ट बनाया जा रहा है। इससे जीएसटी और बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाले शिल्पकारों को फायदा होगा। ग्राहक को भी इस बात की गारंटी रहेगी कि उसने जिस जिले का उत्पाद खरीदा है, वह विश्वसनीय है। उन्होंने बताया कि उत्पादों की निश्शुल्क कैटलागिंग की जा रही है और जल्द ही ओडीओपी मार्ट का एप भी लांच किया जाएगा।
फ्लिपकार्ट, अमेजन और ईबे ऑनलाइन साइट पर ओडीओपी के 15 कैटेगरी के 11 हजार उत्पाद
प्रदेश में पहली बार पारंपरिक उत्पादों को नई पहचान मिली है। ऑफलाइन बिक्री के अलावा ऑनलाइन बिक्री भी शुरू की गई है। पिछले ढाई सालों में फ्लिपकार्ट, अमेजन और ईबे आनलाइन साइट पर 15 कैटेगरी के करीब 11 हजार उत्पाद ओडीओपी के हैं और करीब 355 शिल्पकारों ने अपना पंजीयन कराया है। इसके माध्यम से शिल्पकारों ने 24 करोड़ से अधिक का व्यवसाय किया है।
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