लखनऊ पुलिस लाइन में नकल कर दरोगा बनने का सपना 6 लोगों को भारी पड़ गया। उन्हें शारीरिक और शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान पकड़ लिया गया। यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अपर पुलिस अधीक्षक रश्मि रानी ने महानगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
इसके बाद पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही ऑनलाइन परीक्षा में सवाल हल कराने वाले आगरा स्थित कृष्णा इंफोटेक के मैनेजर और तीन एजेंट के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस तीनों की तलाश कर रही है। शनिवार को लखनऊ पुलिस लाइन में 12 नवंबर से 2 दिसंबर, 2021 तक हुई ऑनलाइन पुलिस भर्ती परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है।
ऑनलाइन परीक्षा केंद्र के मैनेजर की मिलीभगत से हुए पास
ADCP क्राइम प्राची सिंह ने बताया कि सब-इंस्पेक्टर पद पर भर्ती परीक्षा हुई थी। इसमें गलत तरीके से परीक्षा पास करने वाले 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने आगरा स्थित कृष्णा इंस्टीट्यूट के मैनेजर महेश चन्द्रा को 5 से 7 लाख रुपए देकर ऑनलाइन परीक्षा का पेपर साल्व कराया था। इसमें इनकी तीन लोगों ने इनकी मदद की थी।
समय से पहले सभी प्रश्नों का उत्तर देने पर हुआ शक
जांच में सामने आया है कि इन सभी अभ्यर्थियों ने आधे से कम समय में परीक्षा के प्रश्नों के उत्तर दे दिए थे। यह बिना किसी के सहयोग से संभव नहीं था। इसे चेक करने पर गलत तरीके से प्रश्नों के जवाब देने की बात सामने आई।
रश्मि रानी ने बताया कि परीक्षा में निर्धारित मानक पूरा करने वाले 36 हजार 170 अभ्यर्थियों के अभिलेखों की समीक्षा और शारीरिक मानक परीक्षा यूपी के 8 जिला मुख्यालयों पर चल रही है। 6 मई को लखनऊ में 300 अभियर्थियों को इसके लिए बुलाया गया था। जांच के दौरान 6 अभ्यर्थियों के परीक्षा में अनुचित साधन प्रयोग करने के प्रमाण मिले।
जिला पंचायत में काम करने वाले ने कराई थी इंस्टीट्यूट संचालक से डील
रुपए देकर पास करने में पकड़े गए रजत कुमार ने बताया कि कृष्णा इन्फोटेक में उनका सेंटर पड़ा था। आगरा के जिला पंचायत में काम करने वाले पंकज कोटिया ने वहां के मैनेजर महेश चन्द्रा से फोन पर बात कराई थी। महेश ने 7 लाख रुपए में परीक्षा पास कराने की गारंटी गारण्टी ली थी। इसके एवज में दो लाख रुपए एडवांस दिया और पांच लाख रिजल्ट आने के बाद देना था। रजत की परीक्षा 22 नवंबर को पहली शिफ्ट में थी।
इसी तरह आशुतोष शर्मा के मुताबिक, उसकी परीक्षा 22 नवंबर को दूसरी शिफ्ट में थी। उसने महेश को 5 लाख रुपए पास होने के लिए दिए थे। महेश से उसका संपर्क अंकुर नाम के युवक ने कराया था। वहीं हसीन चौधरी ने बताया कि उसकी 23 नवंबर को दूसरी शिफ्ट में परीक्षा थी। महबूब नाम के युवक इसकी डील कराई थी। प्रतीक चौधरी ने परीक्षा पास करने के लिए पांच लाख रुपए दिए थे।
ये लोग गिरफ्तार किए गए
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