लखनऊ के एशबाग स्थित रामलीला मैदान में भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव चल रहा है। गुरुवार को महोत्सव के दूसरे दिन कई रंगारंग कार्यक्रम हुए। जिसमें अवधी लोक गीतों की धूम रही। कई कलाकारों ने इन गीतों की परफॉरमेंस दी। साथ ही राजस्थानी घूमर नृत्य भी आकर्षण का केंद्र रहा। इसके अलावा नाटक राजा दुष्यन्त एवं शकुन्तला ने भी लोगों को कुर्सियों पर बांधे रखा। इस कार्यक्रम का आयोजन यूपी तुलसी शोध संस्थान द्वारा हो रहा है।
कल महोत्सव का दूसरा दिन रहा
दूसरे दिन की शुरुआत पंडित आदित्य द्विवेदी, हरीश चन्द्र अग्रवाल और प्रमोद अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर की। इसके बाद मयंक रंजन ने भारतीय नव वर्ष मनाने के इतिहास पर विस्तार से चर्चा की। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत पूजा पाण्डेय ने अपनी खनकती हुई आवाज में ‘कान्हा बरसाने मे आये जइहो...’ अवधी लोकगीत से की। जिसे सुनकर श्रोता भगवान कृष्ण की भक्ति में डूब गए।
इसके बाद पूजा पाण्डेय ने अवधी होली गीत ‘फगुनवा में रंग रस बरसे’ प्रस्तुत किया। जिस पर अखिल, जितेंद्र, राहुल, दुर्गेश, गोपाल, हिमांशु, मुस्कान, सुमन आदि ने फूलों से होली खेलते हुए सुंदर डांस परफॉरमेंस से दर्शकों का दिल जीता। संगीतमय कार्यक्रम में फिर ध्वनि फाउंडेशन एवं आशा नृत्यांगना फाउंडेशन के कलाकारों ऋचा, अनुराधा, मनीषा, उदयन, अर्थव, ओशनिक, अनन्या आदि ने ‘ओ म्हारी घूमर छे’ गीत पर जबरदस्त राजस्थानी घूमर नृत्य प्रस्तुत किया। जिसे देख दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं।
अवधी होली गीत ‘फगुनवा में रंग रस बरसे’ गीत प्रस्तुत हुआ
आंचल समाजोत्थान सेवा समिति के कलाकारों खुशी और शालिनी ने गुरु वन्दना पर डांस परफॉरमेंस दी। जिसमें उन्होंने गुरु के महत्व के बारे में बताया। साथ ही शिवम, खुशी, शालिनी आदि ने डांस परफॉरमेंस से देश की संस्कृति दिखाई। अंत में भास्कर बोस के निर्देशन में नाटक राजा दुष्यन्त एवं शकुन्तला का मंचन हुआ। जिसकी कथा इन्द्र, विश्वामित्र, राजा दुष्यन्त और मेनका के इर्द गिर्द घूमी। संगीतमय कार्यक्रम के साथ नाटक का तड़का लगा तो दर्शकों को खूब मजा आया।
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