केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लखनऊ में 56वें पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक सम्मेलन (DG-IG कॉन्फ्रेंस) का उद्घाटन किया। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल को आज की जरूरत बताया। साइबर क्राइम, नारकोटिक्स, वामपंथी उग्रवाद, तटीय सुरक्षा और सीमा प्रबंधन जैसे सुरक्षा संबंधित मामलों पर अधिकारियों के साथ चर्चा की।
उन्होंने कोविड महामारी के दौरान सुरक्षा बलों की भूमिका और उनके त्याग की सराहना की। पीएम मोदी के निर्देशों के अनुसार हाईब्रिड तरीके से इस सम्मेलन के आयोजन की सराहना की। कहा कि इससे निचले स्तर के अधिकारियों तक सूचनाएं बेहतर तरीके से पहुंच सकेंगी। साथ ही, उन्होंने राज्यों के प्रतिनिधियों से कहा कि वह सम्मेलन में दिए गए सुझावों पर अमल करें।
कश्मीर में 2 साल में 13 हजार करोड़ का निवेश
देश की कानून व्यवस्था पर गृह मंत्री अमित शाह बोले। हमको जम्मू और कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद अमूलचूल बदलाव हुए। वहां पिछले 2 साल में देश के विभिन्न हिस्सों से भूमि लिए 800 आवेदन आए हैं। करीब 13 हजार करोड़ का निवेश भी हुआ है। यह एक पॉजिटिव बदलाव है। अब कानून व्यवस्था मजबूत है। इसलिए वहां टुरिज्म भी बढ़ा है।
जेल को सुधार गृह बनाओ, न कि राजनीति का अड्डा
गृहमंत्री ने सभी DG को कानून व्यवस्था में सुधार लाने के सुझाव दिए। अपराध पर रोक के लिए जेल को सुधार गृह बनाने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि जेल सुधार गृह की तौर पर विकसित हों। न कि राजनीति और अपराधियों का अड्डा बनें। जिससे अपराधी जेल जाने के डर से अपराध या शहर छोड़ दें।
साइबर अपराध पर लगाम जरूरी
गृह मंत्री ने अपराधियों के लिए स्मार्ट पुलिसिंग पर जोर दिया। कहा कि साइबर अपराध पर लगाम जरूरी है। इसलिए साइबर थानों को टेक्निकल मजूबत करें। लोगों को उससे बचने के उपाय बताए। महिला अपराधों पर अंकुश नहीं जड़ से खत्म करने की जरूरत है। पुलिसिंग को राजनीति का शिकार नहीं होने दें। एक पक्षीय कार्रवाई से बचें। घटना होने पर कार्रवाई का इंतजार न करें। बल्कि शुरुआत होते ही उसका मामले को खत्म करिए।
इसके अतिरिक्त आंतरिक सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसमें जेल सुधार और कट्टरवाद से मिल रही चुनौतियां पर सुझाव लिए गए। इसके लिए पुलिस ट्रैनिंग में बदलाव किया जा सकता है। नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड ने इस मौके पर एक प्रस्तुतीकरण भी दिया। इसमें आने वाले दिनों में पुलिस के सामने आने वाली चुनौतियों को रखा गया।
3 सबसे अच्छे थानों को ट्राफी, सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मेडल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिन में लगभग सवा दो बजे चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर पहुंचे। यहां वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, कानून मंत्री बृजेश पाठक और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वह पुलिस मुख्यालय के ऑडिटोरियम में पहुंचे। यहां सूचना ब्यूरो के अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मेडल प्रदान किए गए। साथ ही, देश के 3 सबसे अच्छे थानों के लिए चुने गए दिल्ली के सदर बाजार, ओडिशा के गंगापुर और हरियाणा के भटटू कलां को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
क्या है बैठक का हाईब्रिड मोड, जानें
डीजीपी कार्यालय के 9वें तल पर हाईब्रिड मोड आयोजित हो रहा है। इसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के प्रमुख सम्मेलन में शामिल हुए है। इसके अलावा लगभग 350 अन्य वरिष्ठ अधिकारी विभिन्न राज्यों में स्थित IB कार्यालयों से वर्चुअल प्लैटफार्म के जरिए इस सम्मेलन में शामिल हुए।
कई कोर ग्रुप गठित, अधिकारियों से मांगे सुझाव
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक 2014 के बाद से डीजीपी सम्मेलन के प्रारूप में कई बदलाव किए गए हैं। यह सम्मेलन विभिन्न राज्यों में आयोजित किए जा रहे हैं। हर सम्मेलन में पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री पूरी दिलचस्पी लेते हैं। कई कोर ग्रुप गठित किए जाते हैं। इस बार सम्मेलन में चर्चा किए जाने वाले समसामयिक सुरक्षा मुद्दों पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 200 से अधिक विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों से उनके सुझाव मांगे गए।
पीएम के सामने रखी जायेगी ग्रांट की मांग, देर रात राजधानी पहुंचे
पीएम मोदी झांसी में देर शाम कार्यक्रम समाप्त करने के बाद लखनऊ पहुंच गए। वह राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगे। 20 नवंबर को सुबह वह डीजीपी मुख्यालय पहुंचेंगे। उनके सामने सभी प्रदेश की पुलिस और अन्य एजेंसियों के चीफ अपना प्रेजेंटेशन देंगे। इसके बाद सभी डीजी अपनी जरूरत के हिसाब से पुलिस सुधार के लिए ग्रांट की मांग रखेंगे। इसी दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के डीजी गोपनीय सूचनाओं को साझा करेंगे जिस पर सभी चीफ मिलकर चर्चा करेंगे।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
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