ओमिक्रान संकट व कोराेना के बढ़ते मामलों के बीच सोमवार से प्रदेश के ज्यादातर जिलों में निजी स्कूल विंटर वेकेशन के बाद खुले। नए साल 2022 में पहली बार प्राइवेट स्कूल आज खुले है, वही परिषदीय स्कूलों में 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश होने के कारण अभी भी छुट्टी चल रही है। इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए निजी स्कूल विशेष सतर्कता बरते जाने का दावा भले ही कर रहे हो पर बिगड़ते हालात में स्कूल खोलने पर विशेषज्ञों ने चिंता जरुर जाहिर की है। कुछ ने तो बंगाल जैसी पाबंदी भी यूपी में लगाने की वकालत की है।
लखनऊ में नए साल में पहली बार खुले स्कूल
लखनऊ के सबसे बड़े निजी स्कूल CMS ने अपनी सभी शाखाओं के सभी क्लासेज में आज से पढ़ाई शुरु कर दी है। यहां ऑनलाइन क्लासेज पहले से ही बंद थी और नर्सरी से लेकर 12 तक के बच्चों के लिए स्कूल खोल दिया गया। वही लखनऊ पब्लिक स्कूल ने नए साल से शिफ्ट में क्लास की शुरुआत की आज से की है। इसके अलावा ज्यादातर अन्य स्कूलों ने भी ऑफ लाइन पढ़ाई शुरु कर दी पर DPS, स्टडी हॉल समेत कुछ स्कूलों में शीतकालीन अवकाश अभी भी जारी है।
दो शिफ्ट में स्कूल संचालन की ओर बढ़ सकते है निजी स्कूल
कोरोना के ताबड़तोड़ मामलों के बीच लखनऊ के कुछ स्कूलों ने कोरोना काल के शुरुआती समय की तरह कक्षा संचालन की व्यवस्था दो शिफ्ट करने पर विचार कर रहे।निजी स्कूलों की ओर से यह कहां जा रहा है कि अगर कोरोना संक्रमण के मामले और बढ़े तो स्कूल एक शिफ्ट के बजाय दो य तीन शिफ्ट में क्लास लगाएगा पर बच्चों की सुरक्षा से समझौता नही किया जाएगा। हालांकि ज्यादातर अभिभावक अभी भी असमंजस की स्थिति में ही है कि बच्चों को स्कूल भेजे या नही।
क्या कहते है एक्सपर्ट -
यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान SGPGI की वरिष्ट बाल रोग विशेषज्ञ व चाइल्ड केअर की नोडल अफसर डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने भास्कर को बताया कि अगर ऐसे ही कोरोना केस बढ़ते रहेंगे तो जल्द ही बंगाल के जैसी पाबंदी उत्तर प्रदेश में भी लगानी पड़ सकती है। बच्चों को वैक्सीनेशन लगाने में भी देरी नही करनी चाहिए। ऐसे हालात में लापरवाही ठीक नही, निजी स्कूल ऑन लाइन माध्यम से पढाई कराएं तो ज्यादा बेहतर होगा।
क्या कहते है जिम्मेदार -
लखनऊ के DIOS डा. अमरकांत सिंह के मुताबिक कोरोना को लेकर स्कूल द्वारा लापरवाही बरता जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी स्कूल अपने स्तर पर सतर्कता के सभी संभव व कारगर उपाय अपनाएं। औचक निरीक्षण के दौरान अगर किसी भी स्कूल द्वारा कोरोना गाइडलाइंस को लागू किए जाने में लापरवाही मिलती है तो संबंधित स्कूल के खिलाफ एक्शन तय है।
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