खीरी जनपद के तिकुनिया कांड मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में SIT ने गुरुवार को जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया। इसमें गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका का विरोध किया गया है। इसके बाद आशीष मिश्रा की ओर से उक्त जवाबी हलफनामे का जवाब देने के लिए 3 दिन का समय दिए जाने की मांग की गई। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी।
यह आदेश जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर पारित किया। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने भी पूरक जवाबी हलफनामा दाखिल करने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने इसे भी स्वीकार कर लिया है।
इसके पहले SIT की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के 17 नवंबर, 2021 के आदेश के अनुपालन में इस मामले में SIT का गठन किया गया है। साथ ही SIT को जांच त्वरित तरीके से पूरी कर के चार्जशीट दाखिल करनी है।
SIT की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार जांच हुई है, लेकिन इस मामले में बड़ी मात्रा में प्रत्यक्षदर्शी हैं जिनका बयान लिया जाना है।
90 दिन बाद दाखिल हुई थी चार्जशीट
लखीमपुर खीरी हिंसा के सोमवार को 90 दिन पूरे हो चुके हैं। SIT ने 3 जनवरी को आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के खिलाफ लखीमपुर खीरी की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट 5 हजार पन्ने की है। इसमें आशीष मिश्र को हत्या का आरोपी बताया गया है। मंत्री के रिश्तेदार वीरेंद्र कुमार शुक्ला का नाम भी आरोपियों की सूची में जोड़ा गया है। शुक्ला पर साक्ष्य मिटाने का आरोप है। किसानों के वकील ने कहा था कि चार्जशीट में मंत्री अजय मिश्रा का नाम जोड़ने की अर्जी भी दी गई थी, लेकिन चार्जशीट में उनका नाम नहीं जोड़ा गया है।
यह है पूरा मामला
लखीमपुर के तिकुनिया में 3 अक्टूबर, 2021 को एक पत्रकार समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें दोनों तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले की जांच उत्तर प्रदेश SIT कर रही है। इस केस में मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू समेत 13 लोग न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
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