कोविड संक्रमण के दौरान राज्य कर्मचारियों के कटने वाले भत्तों को दोबारा देने की मांग तेज होने लगी है। लखनऊ में कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। दलील है कि कर्मचारियों को हर महीने दो से दस रुपए का नुकसान हो रहा है।
4 लाख खाली पदों को भरने की मांग
इसमें चतुर्थ श्रेणी से लेकर क्लास-1 के लोग शामिल है। उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ ने बुधवार को बैठक कर सरकार ने सभी कटे भत्तों का भुगतान करने की मांग की है। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी वर्ग के खाली पड़े चार लाख से ज्यादा पदों को भरने की मांग की गई है। प्रदेश में 200 से ज्यादा विभागों में चार लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों के पद खाली है। इनको भरने के लिए हाईकोर्ट भी आदेश दे चुका है। बावजूद उसके कर्मचारियों के पदों पर साल 2008 के बाद पद नहीं भरे गए हैं। ।
28 फीसदी होनी चाहिए महंगाई भत्ता
महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों ने खुद अपना एक दिन का वेतन सीएम राहत कोष में दिया था। उसके बाद भी हमारे महंगाई भत्ते पर रोक लगी है। अभी कर्मचारियों को 17 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि यह अभी तक 28 फीसदी तक मिलनी चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को महंगाई भत्ता न मिलने की वजह से परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। जुलाई 2021 से मिलने वाला महंगाई भत्ता अभी नहीं मिला है। इससे और ज्यादा परेशानी बढ़ गई है।
रिटायर कर्मचारियों की ज्यादा परेशानी
संगठन के महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने बताया कि मौजूदा समय काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा रिटायर कर्मचारियों का महंगाई भत्ता भी नहीं मिल पा रहा है। जबकि उनके खर्च ज्यादा है। सरकार कर्मचारियों की समस्याओं की तरफ बिलकुल ध्यान नही दे रही है। केवल जुमला बाजी कर रही है। महासंघ के पूर्व महामंत्री केएन पाटनी ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की महंगाई भत्ता एवं काटे गये भत्ते तत्काल बहाल करे अन्यथा कर्मचारी आन्दोलन के लिए बाध्य होगा। आने वाले दिनों में सरकार को कर्मचारियों की नाराजगी झेलनी होगी। कर्मचारियों की तमाम समस्याएं लम्बित है।
ये पदाधिकारी बैठक में मौजूद रहे
महेन्द्र कुमार पाण्डेय, भारत सिंह यादव, जगदीश सिंह, दूधनाथ, सीताराम यादव, रामयष, निसार अहमद, नौरिश पौल, माया देवी, शैलेन्द्र शुक्ला, कलावती, मान सिंह, रम बदल दुबे, भाईलाल, हुसैन अब्बास, अखण्ड प्रताप सिंह, नान्हू प्रसाद, रामजी तिवारी, राज कुमार यादव, सुभाष यादव, वीरबहादुर गिरी, पीएन पाण्डेय, रजनीश।
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