उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। हालांकि यूपी स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 27 मार्च तक के लिए टल गई है। सरकार ने रिपोर्ट दाखिल कर चुनाव की अनुमति मांगी थी।
27 मार्च को सकता है फैसला
यूपी सरकार के द्वारा ओबीसी आरक्षण रिपोर्ट पर 27 मार्च को फैसला आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट से अगर ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को हरी झंडी दिखा सकती है। इसके बाद यूपी सरकार नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत चुनावों में सीटों के आरक्षण के लिए तय प्रक्रिया में संशोधन करेगी। फिर आरक्षण सूची जारी की जाएगी।
बताया जा रहा है कि सब कुछ सही रहा तो निकाय चुनाव की अधिसूचना अप्रैल में जारी करते हुए मई में चुनाव करा लिए जाएंगे। इस मामले की सुनवाई 11 अप्रैल को होनी थी। लेकिन रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने सुनवाई के लिए पहले की तारीख देने का अनुरोध भी किया था। इस पर 24 मार्च को सुनवाई के लिए तय किया गया है।
निकाय चुनाव के आरक्षण में होगा संशोधन, 30% सीट जाएगी बदल
नगरीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की हिस्सेदारी तय करने के लिए गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट व सिफारिशें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी। सुप्रीम कोर्ट अब इस पर सुनवाई करेगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद प्रदेश सरकार नगर निगमों में मेयर व नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण के लिए तय प्रक्रिया में संशोधन करेगा।इसके बाद आरक्षण सूची जारी की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि निकाय चुनाव की अधिसूचना अप्रैल में जारी करते हुए मई में चुनाव करा लिए जाएंगे। ओबीसी आयोग की इस रिपोर्ट को पिछले दिनों कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। अब सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। फिलहाल कमेटी के द्वारा दी गई रिपोर्ट में 30% आरक्षण बदलने की संभावना है।
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